Friday 14 September 2018

क्यों खामोश हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?

डीजल और पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमतों से देशभर में तूफान मच गया है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने भारत बंद का आयोजन किया। कांग्रेस के नेतृत्व में सोमवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित धरना-प्रदर्शन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल, लोकतांत्रिक जनता दल, आम आदमी पार्टी सहित 16 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और ईंधन की लगातार बढ़ती कीमतों के लिए मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। सभी दलों ने एक स्वर में मोदी सरकार को संवेदनहीन करार दिया और कहा कि चार साल में इनकी नीतियों के कारण देश की जनता त्रस्त है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि और महंगाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भाजपा के लोगों का अहंकार है कि जनता महंगाई से परेशान है और भाजपा कह रही है कि वह अगले 50 साल तक सत्ता में रहेगी। राहुल ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले महिलाओं की सुरक्षा, किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। जनता ने भरोसा कर उनकी सरकार बनवाई। अब लोगों को साफ अहसास हो गया कि उन्होंने साढ़े चार साल में क्या किया? मोदी जी कहते हैं कि उन्होंने साढ़े चार साल में वो किया जो 70 साल में नहीं हुआ। अब लोगों को पता चल गया है कि उन्होंने साढ़े चार साल में हिन्दुस्तानियों को आपस में लड़वाया। महिलाओं पर अत्याचार होते रहे पर प्रधानमंत्री खामोश रहे। पूरे देश में मोदी जी पेट्रोल-डीजल और गैस पर विपक्ष में रहते हुए खूब बोलते थे, लेकिन अब एक शब्द नहीं बोलते हैं। आखिर मोदी जी खामोश क्यों हैं? राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी सिर्प भाषण देते हैं। देश उनके भाषणों से तंग आ चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उसकी जनविरोधी नीतियों के कारण देश का कारोबारी और किसान परेशान हो गया है। युवा रोजगार तलाश कर रहे हैं। सरकार सिर्प जनविरोधी काम कर रही है और उसने सारी सीमाएं लांघ दी हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियां जनविरोधी हैं और इनके कारण देश का आम जनमानस परेशान है। अब समय आ गया है कि जनहित में सोचने वाले राजनीतिक दलों को एकजुट होकर देश की जनता को भरोसा देना चाहिए कि उसे मोदी सरकार से जल्द मुक्ति दिलाई जाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलशों का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि इसे जिस तरह से प्रचारित किया जा रहा है वह उनकी सेवाओं को याद करने का सही तरीका नहीं है। बेशक भाजपा इस बंद को असफल बताने की कोशिश करे पर इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि जो मुद्दे विपक्षी दलों ने उठाए हैं वह सब ज्वलंत मुद्दे हैं जिन पर मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए। ईंधन की लगातार बढ़ती कीमतों से जनता परेशान है।

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