Tuesday, 25 September 2018

राफेल डील में अनिल अंबानी को लेकर तूफान

क्या राफेल विमान सौदा भारतीय सियासत में एक ऐसा जिन्न बन गया है जो केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी बोतल में बंद नहीं हो पा रहा है। समय-समय पर इससे कुछ न कुछ ऐसी जानकारियां सामने आती जा रही हैं जिन्हें लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के सामने लगातार मुश्किल सवाल खड़े हो रहे हैं। राफेल सौदे में कीमत बढ़ने का मुद्दा तो विपक्ष पिछले कई महीनों से उठा ही रहा था कि शुक्रवार को फ्रांस की मीडिया में आए पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के एक बयान ने इस पूरे मामले पर नए सवाल और शक पैदा कर दिए। फ्रांस की मीडिया में देश के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद का बयान आया जिसमें दावा किया गया था कि राफेल विमान बनाने के समझौते के लिए भारत सरकार ने ही रिलायंस डिफेंस का नाम सुझाया था और फ्रांस के पास इस संबंध में कोई विकल्प नहीं था। फ्रेंच पत्रिका मीडिया पार्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ओलांद ने कथित रूप से कहा कि अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को इस सौदे में शामिल करने में हमारी कोई भूमिका नहीं थी। भारत सरकार ने इस कंपनी का नाम प्रस्तावित किया और द सॉल्ट ने अंबानी से समझौता किया। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। मैं तो सोच भी नहीं सकता हूं कि इससे जूली गाए (उनकी गर्लफ्रेंड) की फिल्म का कोई संबंध भी हो सकता है। बता दें कि 2016 में भारत में  गणतंत्र दिवस समारोह में ओलांद के शामिल होने से दो दिन पहले ही अंबानी की रिलायंस एंटरटेनमेंट ने गाए के साथ एक समझौता किया था। इसी यात्रा के दौरान भारत को 36 राफेल विमान सौंपने के लिए ओलांद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान को  लेकर जो हलचल है, वह बेवजह नहीं है। जिस वक्त राफेल सौदा हुआ था उस समय ओलांद ही फ्रांस के राष्ट्रपति थे। ओलांद के किसी भी बयान को नकारने का सीधा मतलब है कि आप कह रहे हैं कि उस वक्त के फ्रांस के राष्ट्रपति डील के बारे में सच नहीं बोल रहे हैं? केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में हुए राफेल सौदे पर कांग्रेस पार्टी शुरुआत से ही सवाल उठाती रही है। ओलांद के बयान के बाद तो राहुल गांधी और ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। शनिवार को राहुल गांधी ने पीएम को चोर और भ्रष्ट तक कह दिया। उन्होंने कहा कि ओलांद पीएम को चोर कह रहे हैं लेकिन वे चुप्पी साधे हुए हैं। जवाब में 15 से ज्यादा केंद्रीय मंत्रियों ने राहुल का पूरा खानदान चोर हैश टेक के साथ ट्वीट किया। राहुल ने कहा कि पीएम ने राफेल सौदे पर निजी तौर पर बातचीत की और बंद कमरे में सौदे को बदल दिया। फ्रांस्वा ओलांद के कारण हमें पता चल रहा है कि मोदी ने निजी तौर पर अरबों डॉलर का एक सौदा एक बैंक रिपोर्ट को दे दिया। प्रधानमंत्री ने भारत के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने हमारे सैनिकों के खून का अपमान किया है। वहीं पहले कांग्रेस के नेता ही ज्यादा बोल रहे थे, लेकिन अब समूचा विपक्ष हमलावर हो गया है। भाजपा सूत्र कहते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बोफोर्स सौदे को लेकर पूर्व पीएम राजीव गांधी पर लगे आरोपों का बदला लेने के लिए राफेल को उछाल रहे हैं। पर हकीकत तो यह है कि वार की धार उम्मीदों के हिसाब से बेशक अब तक लोगों के बीच उतना असर न कर रही हो लेकिन अब ओलांद का कथन एक औजार के रूप में विपक्ष के हाथ जरूर लग गया है। आने वाले दिनों में कांग्रेस के अलावा सीपीएम, आरजेडी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी व टीएमसी और अन्य दल इस मुद्दे पर हमलावर हो जाएंगे। खुद भाजपा में ही हलचल होनी शुरू हो गई है। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि फ्रांस्वा ओलांद का दावा अगर सही है तो यह बहुत गंभीर मामला है। पीएम मोदी की सबसे बड़ी पूंजी बेदाग ईमानदारी है, लेकिन अनिल अंबानी का राफेल सौदे में होना जरूर शक की गुंजाइश पैदा करता है। हालांकि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पीएम की तरफदारी करने के लिए उतरे। उन्होंने कहा कि चोर कहने वाले राहुल गांधी खुद भ्रष्टाचार, जमीन और नेशनल हेराल्ड शेयर घोटाले में आरोपी हैं। भ्रष्टाचार में डूबा गांधी परिवार ही देश में भ्रष्टाचार का जनक है। मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार और बिचौलियों के दरवाजे बंद कर दिए। यही राहुल का दर्द है। सरकार की ओर से रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को दोहराया कि राफेल के व्यावसायिक सौदे व फैसले से न तो भारत सरकार का कोई लेना-देना है और न ही फ्रांस की सरकार का। मंत्रालय ने ट्वीट किया कि ओलांद के इस दावे की जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला और तेज होगा और तीखे होंगे वार।

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