Sunday 2 December 2018

इस रिकॉर्ड मतदान का किसको फायदा होगा?

मध्यप्रदेश में 15वीं विधानसभा के लिए बुधवार को 74.61 फीसदी वोट पड़े। यह 2013 की 72.13 फीसदी वोटिंग की तुलना में 2.48 फीसदी अधिक रहे। पिछली बार 2008 (69.28 फीसदी) की तुलना में 2.85 फीसदी मत ज्यादा पड़े तो भाजपा की सीटें बढ़कर 143 से 165 हो गई थीं। मध्यप्रदेश में हुई रिकॉर्ड वोटिंग के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दावों-प्रतिदावों के बीच राजनीतिक पर्यवेक्षक नई सरकार के गठन को लेकर अपना सटीक अनुमान लगाने में जुट गए हैं। वहीं दोनों दलों ने अपनी जीत के दावे करने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भोपाल में मीडिया से कहा कि लोगों ने जिस उत्साह और खुशी के साथ मतदान किया है, वह दर्शाता है कि राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। बंपर वोटिंग के बारे में उन्होंने कहा कि आज दो चीजें हुई हैं। एक चुनाव निपट गया और दूसरा भाजपा निपट गई। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में 1764 ईवीएम और 2126 वीवीपेट मशीनें बदलनी पड़ीं। 250 मतदान केंद्रों पर समय बढ़ाने के कारण मतदान के आंकड़े में दो फीसदी की वृद्धि हुई। कमलनाथ ने कहा कि पार्टी ने चुनाव आयोग को करीब डेढ़ सौ शिकायतें की हैं। उन्होंने दावा किया कि पार्टी की जीत सुनिश्चित है और कांग्रेस विधानसभा की कुल 230 सीटों में 140 से अधिक सीटें हासिल करेगी। हम स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे। लगभग एक पखवाड़े तक चले राजनेताओं के धुआंधार चुनाव प्रचार के बावजूद मतदाताओं का मौन और राज्य की 15 वर्ष पुरानी भाजपा सरकार के खिलाफ जनता में असंतोष और सत्ता विरोधी रूझान को लेकर अंडर करंट जैसी खबरों के बीच रिकॉर्ड मतदान को कांग्रेस नेता वोट फॉर चेंज और सरकार के खिलाफ, तो भाजपा अपनी ही सरकार के पक्ष में होने का दावा कर रही है। बुधवार को पांच करोड़ चार लाख से अधिक मतदाताओं में से लगभग 75 फीसदी यानि तीन करोड़ 75 लाख से अधिक मतदाताओं ने 2899 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद कर दिया और 11 दिसम्बर को मतगणना के साथ इनके भविष्य का फैसला हो जाएगा। भाजपा उपाध्यक्ष प्रभात झा का कहना है कि वर्ष 2003 के वोट फीसद लगभग 72 फीसदी की तुलना में इस बार लगभग 75 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले हैं। वहीं वर्ष 2008 में 69 फीसदी से अधिक वोट पड़े थे। इस तरह 2008 की तुलना में 2013 में लगभग तीन फीसदी ज्यादा वोट पड़े और भाजपा सरकार बनी। इस बार भी ज्यादा मत डाले गए और इसका लाभ सत्तारूढ़ दल को ही मिलेगा। उनका दावा है कि निश्चित तौर पर राज्य में लगातार चौथी बार शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार बनेगी। वहीं कुल 230 सीटों में से भाजपा को 101-103 सीटें और कट्टर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को 114-116 सीटें मिलने के फेवरेट सट्टेबाजों ने आंकड़े तय किए हैं। देखें, 11 दिसम्बर को क्या परिणाम आते हैं।

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