Friday, 7 December 2018

भाजपा ने राजस्थान को बनाया प्रतिष्ठा का सवाल

भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच तीखे शब्दबाण में उलझा राजस्थान चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है और आज (शुक्रवार) को वोट पड़ेंगे। 200 सीटों पर कांटे की टक्कर बताई जा रही है। अंतिम दिन प्रचार के पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष ने फिर से एक-दूसरे को निशाने पर लिया। पीएम मोदी से सीधे भड़कने की झलक देते हुए राहुल गांधी ने तीखे वार किए। गांधी ने राफेल और अन्य मुद्दों के सिलसिले में चार दिन पहले मोदी के हिन्दुत्व ज्ञान पर सवाल किया था। अलवर में राहुल ने मोदी के भारत माता की जय बोलने पर सवाल उठाए। जवाब में मोदी ने सीकर में लाखों की सभा में दस बार भारत माता की जय बुलवाकर गांधी को जवाब दिया। राजस्थान भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। राजस्थान में इतिहास बनाने की फिराक में  लगी भाजपा के लिए आखिरी क्षणों में संतोष की बात यह है (भाजपा के अनुसार) कि वसुंधरा सरकार को लेकर जिस तरह का असंतोष था, उस पर वह काफी हद तक काबू पा चुकी है लेकिन क्या यह काबू में आ चुका है इसका पता तो 11 दिसम्बर को ही लगेगा। भाजपा नेताओं का दावा यह भी है कि वह नाराज राजपूतों को मनाने में काफी हद तक सफल रही है। पार्टी की असल चिन्ता अब भी राजस्थान के पूर्वी इलाकों में जाट बहुल भरतपुर और धौलपुर को लेकर है जहां पर पार्टी की लाख कोशिशों के बावजूद पार्टी अपने नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने में सफल नहीं हो पाई। पार्टी की चिन्ता का दूसरा शबव भरतपुर में प्रधानमंत्री की सभा में कम भीड़ आने से है। दोनों ही प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और भाजपा को पार्टी बागियों से कड़ी चुनौती मिल रही है। कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं के अनुसार चार पूर्व मंत्रियों और छह पूर्व विधायकों सहित कम से कम 50 विद्रोही नेता पार्टी की संभावनाओं पर पानी फेर सकते हैं। भाजपा में भी कम से कम 20 विद्रोही उम्मीदवारों को मनाने की कवायद हो रही है। इन सभी ने निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस ने इस बार नए चेहरों पर दांव चला है। कांग्रेस ने राज्य में 110 नए चेहरे उतारे हैं और 85 उम्मीदवारों को दोबारा टिकट दिए हैं। आखिरी समय में ही दोनों ही दलों ने कई सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं। वोटों की गिनती 11 दिसम्बर को होनी है परन्तु सट्टेबाजों ने सब कुछ हिलाकर रखा हुआ है। रोज नया डब्बा खुल रहा है और नए-नए रेट सामने आ रहे हैं। पुंटरों का कहना है कि इस बार तीन राज्यों में भाजपा के लिए कुछ भी झेलनी की स्थिति बन रही है तो वहीं कांग्रेस जीत की उम्मीद में है। मंगलवार को जब पुंटरों का डब्बा खुला तो राजस्थान में कांग्रेस के खाते में 127-129 सीटों पर इस समय फेवरेट भाव दिए गए हैं। वहीं भाजपा के खाते में पुंटर खतरे की घंटी बजाते हुए उसे सिर्प 55-57 सीटों पर ही सीमित कर रहे हैं। खैर, यह तो पुंटरों का आकलन है। भाजपा दावा कर रही है कि वह राजस्थान की हर पांच साल बाद सरकार बदलने के इतिहास को इस बार बदलने जा रही है। देखें 11 दिसम्बर को क्या होता है?

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