भगवान हनुमान जी की जाति को लेकर मचे घमासान के बीच शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद
सरस्वती ने बजरंग बली को ब्राह्मण बताया है। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी ने हनुमान
जी के बारे में लिखा है कि कांधे मूज जनेऊ साजे, इसका सीधा-सा अर्थ है कि वह ब्राह्मण थे न कि दलित। शंकराचार्य
इस विवाद में तब कूदे जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सभा में
हनुमान जी को दलित बता दिया था। हालांकि अगर पूरे प्रसंग को सुनें तो इसका मतलब कुछ
और था, पर विपक्षियों ने इसे इस तरह प्रचारित किया मानों योगी
आदित्यनाथ ने उन्हें दलित कहा है। इस पर सियासी घमासान मचना लाजिमी था। इसे हवा देते
हुए कांग्रेस नेता के नेतृत्व में दलित समाज के लोगों ने जहां एक मंदिर पर आगरा में
कब्जा कर लिया वहीं लखनऊ में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया जब दलित उत्थान के बैनर
तले दलित समाज के कुछ लोगों ने हनुमान सेतु सहित बजरंग बली के मंदिरों पर अपना हक जताया।
दरअसल राजस्थान में योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा में बजरंग बली को दलित व वनवासी बताया
था। इसके बाद से प्रदेश के कुछ शहरों में दलितों ने हनुमान मंदिरों पर अपना दावा पेश
करना शुरू कर दिया। दलितों के देवता बजरंग बली का मंदिर हमारा है जैसी तख्तियां हाथों
में लेकर हजरतगंज के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पहुंचे लोगों ने पहले मंदिर में हनुमान
चालीसा का पाठ किया और बाद में सांकेतिक रूप से मंदिर पर कब्जा करने का प्रयास किया।
इस घटना के बाद पुलिस सतर्प हो गई और शहर के अन्य हनुमान मंदिरों के बाहर पुलिस बल
तैनात कर दिया गया। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि बजरंग बली समाज
के सभी वर्गों के पालनहार हैं। शनिवार को राजस्थान में रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ
ने कहा कि कांग्रेस को इस बात पर एतराज है कि बजरंग बली वंचितों के तारणहार हैं। राजस्थान
के बांरा जिले विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को योगी जी ने विशाल चुनावी सभा को संबोधित
करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि तुम्हारे तारणहार अली हैं और
हमारे तारणहार बजरंग बली हैं। कांग्रेस के नेता तो अब डरने लगे हैं। यूपी सरकार के
प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि हनुमान सभी के अराध्य हैं। सबको पूजा का हक है,
जो चाहे हनुमान की पूजा करे पर मंदिरों पर कब्जा करना अराजकता है। वहीं
भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर ने कहा कि भाजपा राजनीति के तहत हनुमान को दलित बता
रही है। दलित तो हम हैं। हनुमान मंदिरों पर कब्जा कर चढ़ावे की रकम दलित उत्थान पर
लगाएंगे। उधर शनिवार को योग गुरु बाबा रामदेव ने भी हनुमान जी को लेकर कहा कि हनुमान
ज्ञानी और क्षत्रिय थे। बेहतर होता कि योगी जी हनुमान जी को इस घटिया राजनीति में न
लाते। यह तो वही बात हुई कि आ बैल मुझे मार।
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