Tuesday, 4 December 2018

गंगाजल से राजनीति, मां, मंदिर, जाति, अली से लेकर बजरंग बली तक पहुंची

इधर कुछ सालों से विधानसभा चुनावों को भी आम चुनावों की तरह लड़ा जा रहा है। इन चुनावों में नेताओं की चुनाव प्रचार में तो ऐसी जुबान फिसली है जैसी कि पहले कभी नहीं देखी गई। खुद प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की नानी और अपने एक भाषण को विषय बनाया, जबकि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने अपनी सभाओं में प्रधानमंत्री के मां-बाप का जिक्र करके उनके भावनात्मक जवाबी हमलों के शिकार हुए। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी मंदिर-मंदिर जाकर खुद को कभी शिवभक्त तो कभी रामभक्त दिखाने में जुटे हैं। राजस्थान में जाति और हिन्दुत्व पर बहस दिख रही है लेकिन महंगाई, बेरोजगारी, रिफाइनरी और मेट्रो, किसानों जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं पर कोई बात नहीं कर रहा। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में दोनों कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने एक के बाद एक नए मुद्दे उछाले। रायपुर में 15 नवम्बर को कांग्रेस के तमाम नेताओं ने हाथ में गंगाजल लेकर सौगंध खाई कि सत्ता में आने पर महज 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ करेंगे। छजकां प्रमुख अजीत जोगी ने सभी धर्मों के धर्मग्रंथ पर हाथ रखकर कहा कि उन्हें मौत मंजूर है पर वह भाजपा को कभी समर्थन नहीं देंगे। मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में कहा कि आपको अली मुबारक हो, हमारे लिए तो बजरंग बली पर्याप्त हैं। राज बब्बर ने 22 नवम्बर को कहा कि रुपया मोदी जी की पूजनीय माता जी की उम्र से भी नीचे जा रहा है। इस पर मोदी ने कहा कि मोदी से लड़ने की ताकत नहीं है तो अब मोदी की मां को गाली दे रहे हैं। मोदी ने लोगों से सवाल किया कि क्या मोदी की मां का अपमान करने से उनकी जमानत बची रहेगी। छतरपुर के प्रचार के दौरान एक आम सभा में मोदी ने कांग्रेस पर गरजते हुए कहा कि जब कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं रहा तो वह तेरी मां-मेरी मां करने लगे। जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में हार के डर से प्रधानमंत्री के दिमाग में कांग्रेस के प्रति नफरत पैदा हो गई है। मोदी जी कमजोर हैं, उनके मन में घबराहट है और वह जानते हैं कि लोगों का भरोसा टूट चुका है इसलिए वह गलत शब्द बोलते हैं और नफरत में बोलते हैं। कांग्रेस नेता सीपी जोशी ने 23 नवम्बर को कहा कि मोदी की जाति क्या है? धर्म के बारे में सिर्प ब्राह्मण ही जानते हैं। मोदी ने इसे अगले दिन ही मुद्दा बना लिया। योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में कहा कि बजरंग बली वनवासी, गिरवासी और दलित हैं। शुक्रवार को भाजपा मंत्री सत्यपाल बोले कि बजरंग बली आर्य थे। सो गंगाजल से शुरू हुई राजनीति मां, मंदिर, पिता, जाति, गोत्र, चोर, अली, बजरंग बली तक पहुंच गई। अब इससे और नीचे कहां गिरेगी भारत की राजनीति?

-अनिल नरेन्द्र

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