Saturday, 23 February 2019

पाक सेना, आईएसआई और आतंकी संगठनों की कठपुतली इमरान खान

पुलवामा में सीआरपीएफ के एक काफिले पर कायराना भीषण हमले के पांच दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा जिस पर भरोसा किया जा सके या इसमें कुछ भी नया हो। पुरानी आदत के अनुसार उन्होंने रटा-रटाया बयान दिया। इमरान ने हमेशा की तरह पुलवामा हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत मांग कर देश-दुनिया को गुमराह करने की ही कोशिश की। भारत की संभावित कार्रवाई से डरे इमरान खान ने युद्ध की धमकी दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर भारत हमला करेगा तो पाक ऐसा पलटवार करेगा कि युद्ध रोकना मुश्किल हो जाएगा। इमरान खान पांच दिन बाद सफाई देने आए तो चेहरे पर घबराहट और खौफ साफ दिखा। रिकॉर्डिंग वीडियो बयान में सेना ने 35 जगह एडिटिंग की। 362 सैकेंट के वीडियो में पहली एडिटिंग 30वें और आखिरी एडिटिंग 356वें सैकेंड पर है। देश को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि भारत बिना सबूत आरोप लगा रहा है। पहले कहा था कि इमरान देश को संबोधित करेंगे। हालांकि वीडियो में  लगे कट से पता चला कि यह पहले रिकॉर्ड था। इमरान खान के दावों को भारत ने खारिज ही किया था कि उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान ने भी उनके झूठे बयान की परत दर परत खोलकर रख दी है। रेहम खान ने कहा कि इमरान खान पाकिस्तान सेना के हाथों में कठपुतली हैं। वह उतना ही कहते हैं और करते हैं जितना उन्हें सेना करने व कहने के लिए कहती है। रेहम खान ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान की अपनी कोई हैसियत नहीं है। सत्ता के लिए इमरान खान ने अपने आधुनिक विचारों और सिद्धांतों से भी समझौता कर लिया। इमरान की पूर्व पत्नी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद इमरान खान बयान देने के लिए सेना के निर्दोशों का इंतजार करते रहे। पुलवामा पर इमरान ने जो कुछ भी कहा वह उनके अपने शब्द नहीं थे और साफ लगता था कि इसे किसी और ने तैयार किया था। सबसे दुखद बात यह थी कि इमरान ने अपने भाषण में कहीं भी भारत के 40 जवानों के मरने पर एक शब्द भी अफसोस का नहीं कहा। वहीं पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पुलवामा हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराए जाने पर प्रधानमंत्री इमरान खान को घेरते हुए कहा कि वह दूसरे के कहने पर काम करते हैं और इसी वजह से पूरी स्थिति और खराब हुई है। उन्होंने कहा कि इमरान खान को अपरिपक्व बताते हुए कहा कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के बारे में कुछ पता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान मुंबई के ताज होटल पर हमला हुआ था, इस हमले का आरोप भी हमारे ऊपर लगाया गया, हालांकि हमने इस मामले को सही ढंग से निपटा दिया और भारत को पीछे हटने के लिए मजबूर किया और कूटनीतिक ढंग से हल किया था। पुलवामा हमले के सबूत मांग आतंकियों पर कार्रवाई की गारंटी लेने वाला पाकिस्तान पहले भी हजार बार ऐसे झूठ बोल चुका है। भारत सरकार पाकिस्तान को पहले ही मुंबई, पठानकोट, उरी हमले और संसद पर हमले के सबूत सौंप चुकी है। लेकिन दोषियों को सजा मिलना तो दूर उसकी सरपरस्ती में आतंकी भारत के खिलाफ लगातार आतंकी साजिशों को अंजाम दे रहे हैं। पाक आतंकवाद की धुरी है। कोई हैरानी नहीं कि इमरान ने हमले को आतंकी कार्रवाई मानने से इंकार कर दिया। उन्होंने न तो इसकी निन्दा की और न ही शहीदों के परिजनों से सहानुभूति जताई। इमरान का रिकॉर्डिंग संदेश ही इस बात का सबूत है कि वह सेना, आईएसआई और आतंकी संगठनों के हाथों की कठपुतली हैं। यदि वाकई वह आतंकवाद को लेकर गंभीर होते तो जैश और लश्कर के खिलाफ ठोस कार्रवाई करते।

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