Thursday, 28 February 2019

शहीदों की तेरहवीं से पहले घर में घुसकर बदला लिया

पुलवामा का बदला मांग रहे देशवासियों की मुराद शहीदों की तेरहवीं से पहले पूरी हो गई। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान और उनके पालतू कुत्तों से ऐसा बदला लिया जिसे वह तमाम जिंदगी नहीं भूल सकते। भारतीय वायु सेना के मिराज बमबारों ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में जैश--मोहम्मद के सबसे बड़े फाइव स्टार बेस कैंप को पूरी तरह तबाह कर दिया। भारतीय वायु सेना ने मंगलवार (जय बजरंग बली) 3.30 बजे, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और खैबर पख्तूनख्वा पांत में अंदर घुसकर एयर स्ट्राइक की। भारत के 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमान ने बालाकोट, मैकोटी और मुजफ्फराबाद में जैश--मोहम्मद के ठिकानों को 21 मिनट तक चले हमले में ध्वस्त कर दिया। सबसे अच्छी बात है कि हमारे सारे 12 विमान सुरक्षित कार्रवाई करके लौट आए। पाकिस्तान कई दिनों से यह बात कह रहा था कि हम हाई अलर्ट पर हैं और परिंदा भी पर नहीं मार सकता। पाक का अलर्ट धरा धराया रह गया। 1971 की जंग के बाद भारतीय वायुसेना का यह पहला अभियान याद रहेगा। सबसे अच्छी बात यह है कि हमने दुश्मन के घर में घुसकर मारा है। हमारी लड़ाई आतंकवाद से है न कि पाकिस्तान से। जो टारगेट चुने गए वह आतंकियों के गढ़ को, पाकिस्तान को उल्टा हमारा शुकिया अदा करना चाहिए कि हमने वह काम कर दिया जो उन्हें करना चाहिए था पर वह कर नहीं पा रहा था। यह साल 1971 के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई थी। पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से भी 65 किलोमीटर अंदर जैश के इस कैंप में हमारे मिराजों ने 1000 किलो से ज्यादा के 6 बम गिराए। तड़के 3.30 बजे ऑपरेशन शुरू किया जो 21 मिनट में पूरा हो गया और सभी विमान सुरक्षित लौट आए। रक्षा सूत्रों का मानना है कि इसमें कम से कम 350 आतंकी और उनके ट्रेनर मारे गए। हमने पाकिस्तान की वह परमाणु बम से जवाबी कार्रवाई करने की कोरी धमकी को भी बेनकाब कर दिया। पाकिस्तान की सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग में पाक ने जरूर भारत से बदला लेने की धमकी दी। लेकिन जानकारों के अनुसार पाकिस्तान की जर्जर आर्थिक हालात ने भी किसी जवाबी कार्रवाई के उसके विकल्प बहुत सीमित कर दिए हैं। ऐसे में विकल्प के तहत पाकिस्तान ने मंगलवार को नियंत्रण रेखा (लाइन आफ कंट्रोल) पर गोलाबारी की जिसमें 5 भारतीय जवान घायल हुए। भारत ने न केवल सैनिक जवाब दिया है बल्कि पाकिस्तान को आज दुनिया में अलग-थलग कर दिया है। इस हमले के बाद कोई भी देश खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में नहीं आया। यहां तक कि चीन ने भी खुलकर पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। पुलवामा हमले के जवाब में भारत की तरफ से की गई कार्रवाई के कुछ देर बाद ही देश के अंदर तमाम देशों के राजदूतों के संघ ने बयान जारी कर भारत के कदम को पूरी तरह से सपोर्ट किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अमेरिका, चीन, सिंगापुर, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अपने समकक्षों से बात की और इस सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से जैश के fिठकानों पर कार्रवाई की जरूरत को विस्तार से बताया। साथ ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी बात की और उन्हें आश्वस्त किया कि यह पूरी तरह से गैर सैन्य और आशंकाओं के मद्देनजर की गई कार्रवाई है। बालाकोट पाकिस्तान के सैन्य मुख्यालय रावलपिंडी से ज्यादा दूर नहीं, न ही एबटाबाद से ज्यादा दूर है जहां पर अमेरिकी सैनिकों ने ओसामा-बिन-लादेन को मार गिराया था। पाकिस्तान को यह समझ आ जाना चाहिए कि अगर भारत के लड़ाकू विमान बिना किसी बाधा बालाघाट तक पहुंच सकते हैं तो वे रावलपिंडी भी पहुंच सकते है। उसे यह भी समझ आना चाहिए कि परमाणु बम का इस्तेमाल करने की धमकी अब काम आने वाली नहीं है। बालाकोट में जैश के जिस आतंकी अड्डे को मटियामेट किया गया वैसे तमाम अड्डे पाकिस्तानी सेना के संरक्षण और समर्थन से ही चलते हैं। वायुसेना का हमला भारत के मजबूत कदम और यह वाकई मौजूदा भारतीय नेतृत्व की काबिलियत, ताकत, इच्छा शक्ति की सोच का जिंदा सुबूत और अपने शहीद जवानों का बदला है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि इस कदम को आखिरी न माना जाए। यानि पाकिस्तान आगे भी पुलवामा जैसी हरकत करने की जुर्रत करता है तो भारत की तरफ से ज्यादा संहारक तरीका अख्तियार किया जाएगा। भारत ने ताजा हमले से अमेरिका को भी यह संदेश दिया है कि वह पाकिस्तान की ज्यादा तरफदारी न करे, दोगली नीति न करे वरना भारत से उसके रिश्तों पर असर पड़ेगा। यह भारत भूला नहीं कि हर आतंकी हमले के बाद हमने अमेरिका को तमाम सुबूत दिए पर अमेरिका ने जवाब में सिर्प खानापूर्ति की। अब अमेरिका को भी समझ आ गया होगा कि अगर वह पाकिस्तान के खिलाफ सिर्प भाषणबाजी करेगा और कोई एक्शन नहीं लेगा तो भारत पाकिस्तान को करारा जवाब देने में सक्षम है। इस सटीक सैन्य कार्रवाई में अहम बात यह है कि भारत ने न तो पाकिस्तान के रिहायशी इलाकों में बम बरसाए और न ही उनके सैनिक पतिष्ठानों को निशाना बनाया। हमने केवल वही किया जो एक जवाबदेह संयुक्त राष्ट्र को करना चाहिए। पुलवामा हमले के बाद पाक की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक-2 के बाद पधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आकमक नजर आए। आना भी था। उन्होंने वह कारनामा किया जिसकी देश को पिछले 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद इंतजार था। पधानमंत्री इस बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने जबरदस्त इच्छा शक्ति व परिपक्व नेतृत्व का सुबूत दिया है। पूरे अभियान को मोदी देखते रहे, रातभर जागकर पूरे अभियान पर नजर रखे हुए थे और तभी आराम करने गए जब सभी मिराज विमान और पायलट सुरक्षित लौट आए। अब अगर पाकिस्तान भारत के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई करेगा तो यह संदेश जाएगा कि वह आतंकवाद को न केवल पालता-पोषता हैं वरन उसे सरकारी संरक्षण भी देता है और उसका पालनहार है। यह बहुत संतोष की बात है कि पूरे देश के साथ-साथ पूरे विपक्ष ने भारतीय वायु सेना के इस बयान का समर्थन किया और सरकार को पूरी तरह से बैक किया है। 40 के बदले 400 मारे हैं। भारतीय वाय gसेना के जांबाज पायलटों को आज पूरा देश सलाम करता है। जय हिंद।

-अनिल नरेन्द्र

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