Tuesday 19 February 2019

राफेल के लिए पैसे हैं, लौटाने के लिए नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अंबानी और दो अन्य के खिलाफ 550 करोड़ रुपए की बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई के लिए एरिक्सन इंडिया की याचिका पर बुधवार को सुनवाई पूरी कर ली। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा। रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड की अध्यक्ष छाया वीरानी के साथ अनिल अंबानी सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अक्तूबर को आरकॉम को कहा था कि वह एरिक्सन कंपनी को 15 दिसम्बर तक 550 करोड़ रुपए की बकाया राशि जो उसे देनी है का भुगतान करे। अगर रकम चुकाने में देरी होती है तो सालाना 12 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरा करने में नाकाम रहने पर एरिक्सन कंपनी ने अनिल अंबानी की कंपनी पर अवमानना याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त याचिका पर अनिल अंबानी को नोटिस जारी कर उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था। जस्टिस नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने सात जनवरी को इस अवमानना याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अनिल अंबानी को निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जो आदेश अपलोड हुआ उसमें कहा गया था कि अवमाननाकर्ता (अनिल अंबानी) को अगली तारीख पर पेश होने की जरूरत नहीं है। बाद में अनिल अंबानी की पेशी से संबंधित बदला हुआ आदेश सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड हुआ। उसमें कहा गया था कि अवमाननाकर्ता (अनिल अंबानी) की निजी पेशी को माफ नहीं किया गया है यानि उन्हें अगली तारीख पर निजी तौर पर कोर्ट में पेश होना होगा। एरिक्सन के वकील ने कोर्ट में इस मामले की शिकायत की, जिसके बाद मामले की जांच हुई। जांच में पता चला कि सहायक रजिस्ट्रार स्तर के दोनों आरोपित अधिकारियों ने जानबूझ कर छेड़छाड़ की। उन्होंने अनिल अंबानी की निजी पेशी का आदेश ही हटा दिया था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट नियमों में प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए दोनों अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान एरिक्सन के वकील ने अनिल अंबानी पर गंभीर आरोप लगाए। एरिक्सन के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कोर्ट से यह जानकारी छिपाई कि कंपनी को परिसम्पत्तियों की बिक्री से करीब 5000 करोड़ रुपए मिले। उन्होंने कहा कि यह राजाओं की तरह रहते हैं जैसा कि यह मानवता के लिए भगवान द्वारा दिए गए उपहार स्वरूप है। इनके पास राफेल में निवेश के लिए पैसा है लेकिन हमारा बकाया चुकाने के लिए पैसा नहीं है। दवे ने कहा कि अंबानी को पैसा तो देना ही चाहिए, इन्हें अवमानना की सजा भी मिलनी चाहिए। ऐसा कम देखने को मिला है कि देश के प्रमुख उद्योगपतियों के परिवार से संबंधित अनिल अंबानी इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल हों। अब अनिल अंबानी बुरे फंसे हैं, पैसा तो लौटाना ही पड़ेगा, सजा अलग होने का खतरा है।

-अनिल नरेन्द्र

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