Wednesday, 8 July 2020

150 देशों से मौलाना साद की होती थी फंडिंग

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि टूरिस्ट वीजा पर आकर तबलीगी गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले विदेशी जमातियों ने वीजा मैनुअल और अन्य कानूनों का उल्लंघन किया है। सरकार ने अलग-अलग आदेश जारी कर 2679 विदेशी जमातियों के वीजा रद्द किए हैं और 2765 को ब्लैकलिस्ट किया है। इनके खिलाफ कुल 205 एफआईआर दर्ज हैं। सरकार ने कहा कि अभी भी कई विदेशी जमाती लापता हैं। 1905 के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। 227 जमाती लुकआउट नोटिस जारी होने से पहले भारत छोड़ चुके थे। सरकार ने यह भी कहा कि कानून उल्लंघन करने पर विदेशी जमातियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई लंबित है और इसके पूरी होने के बाद उन्हें वापस भेजा जाएगा। वहीं दूसरी ओर निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद की बेनामी सम्पत्ति दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है। इस सम्पत्ति को साद ने विदेशी फंडिंग से जुटाया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और क्राइम ब्रांच की जांच में इसके सुबूत मिले हैं। यही नहीं, जांच एजेंसियों को यह भी पता चला है कि मौलाना साद को करीब 150 देशों से फंडिंग की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक मरकज मामले के बाद दंगे के आरोपित से भी मौलाना साद के तार जुड़ने पर जांच एजेंसियों ने उनकी पूरी कुंडली खंगाल ली है। इसी कड़ी में ईडी ने साद के खातों की भी जांच की है। इसमें अब तक करीब 10 साल के दस्तावेजों की जांच की गई है। जांच के दौरान यह भी पता किया गया है कि साद को कौन-कौन से देशों से फंडिंग की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक अब तक 150 देशों के नागरिकों के नाम सामने आए हैं, जो धार्मिक आयोजन के नाम पर फंडिंग कर रहे थे। यही वजह है कि साद ने कुछ ही वर्षों में अकूत सम्पत्ति अर्जित कर ली। साद द्वारा जांच एजेंसियों के सवालों के आधे-अधूरे जवाब दिए गए थे। इस पर जांच एजेंसियों ने अपने स्तर पर उसकी पूरी कुंडली खंगालने की योजना बनाई। इसके बाद उससे तमाम लोगों से पूछताछ करने के साथ ही बैंक खातों का पता लगाकर दस्तावेजों को खंगाला गया। जांच एजेंसियों को अब गृह मंत्रालय से उसकी गिरफ्तारी के लिए हरी झंडी मिलने का इंतजार है। गिरफ्तारी के बाद उक्त सम्पत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। गृह मंत्रालय की सख्त हिदायत की वजह से ही जांच एजेंसियां मौलाना साद से जुड़े हर मामले में गोपनीयता बरत रही हैं।

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