Sunday, 5 July 2020
चीन की हांगकांग को निगलने की तैयारी
दुनियाभर के विरोध को दरकिनार करते हुए चीन ने आखिरकार हठधर्मिता और ताकत के साथ हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू कर दिया। जाहिर है। अब इस कानून की आड़ में चीन हांगकांग के नागरिकों का दमन और तेज करेगा और लोकतंत्र के समर्थकों को सबक सिखाएगा। चीन को हांगकांग में विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के साथ पहले ही दिन प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। कानून में चीनी विरोध प्रदर्शन या तोड़फोड़ पर सख्त सजा का प्रावधान होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया। इस विरोध को खत्म करने के लिए हांगकांग पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। 1997 में ब्रिटेन द्वारा चीन को हांगकांग हैंडओवर करने की वर्षगांठ के मौके पर एक वार्षिक रैली में हजारों प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दंगाई पुलिस ने काली मिर्च का प्रे किया और पानी की तेज बौछारें छोड़ी। हांगकांग में नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने की अमेरिका ने आलोचना करते हुए अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को हांगकांग के लोगों के लिए सबसे खराब दिन बताया। जबकि चीन ने अमेरिकी विरोध के विरुद्ध उस पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। बीजिंग ने कहा कि वह आवश्यक जवाबी उपायों के साथ पूरी तरह तैयार है। उसे नया कानून अंदरूनी मसला बताते हुए बाहरी देशों को दखल देने से रोकने के लिए कहा है, जबकि पोम्पियो ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने हांगकांग में क्रूर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करके क्षेत्र की स्वायत्तता व चीन की सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक को नष्ट कर दिया है। वहीं ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन न चीन पर संयुक्त घोषणा पत्र के प्रावधानों का स्पष्ट व गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया। इस घोषणा पत्र के जरिये ही ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन के हवाले किया था। उन्होंने कहा कि वह हांगकांग के ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (बीएनए) पासपोर्ट धारकों को अपने यहां स्थायी नागरिकता का प्रस्ताव देंगे। चीन अब तक जिस तरह से ताइवान, शिनजियांग और तिब्बत में आजादी की मांग करने वालों को कुचलता आया है। वही हांगकांग में भी होगा। हालांकि ब्रिटेन ने 1997 में जब हांगकांग को चीन को सौंपा था, तब चीन ने हांगकांग में लोकतंत्र की स्थापना का भरोसा दिया था। क्या तानाशाही, विस्तारवादी प्रकृत्ति वाला राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करके चीन अपने उस भरोसे को पूरा कर रहा है?
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