Saturday, 18 July 2020

अगले महीने मिल जाएगी कोरोना वैक्सीन

रूस की जिस यूनिवर्सिटी ने सबसे पहले दावा किया था कि उसने कोरोना वैक्सीन बना ली है। वह अगस्त इसी साल यानि अगले महीने तक मरीजों को वैक्सीन उपलब्ध कराने की तैयारी में है। स्मॉल स्केल पर हुए ह्यूमन ट्रायल में यह वैक्सीन इंसानों के लिए सेफ पाई गई है। मॉस्को की सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने 38 वॉलंटियर्स पर क्लिनिकल ट्रायल पूरा किया था। रूस की सेना में भी पैरलल सारे ट्रायल दो महीने में सरकारी गमलेई नेशनल रिसर्च सेंटर में पूरे किए। गमलेई सेंटर के हैड अलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि वैक्सीन 12 से 14 अगस्त के बीच सिविल सर्कुलेशन में आ जाएगी। अलेक्जेंडर के मुताबिक प्राइवेट कंपनियां सितम्बर से वैक्सीन का बड़े पैमाने पर प्रॉडक्शन शुरू कर देंगी। गमलेई सेंटर हैड के मुताबिक वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल में पूरी तरह सेफ साबित हुई है। अगस्त में जब मरीजों को वैक्सीन दी जाएगी तो यह उसके फेज-3 ट्रायल जैसा होगा क्योंकि जिन्हें डोज मिलेगी, उनकी मॉनिटरिंग की जाएगी। फेज-1 और 2 में आमतौर पर किसी वैक्सीन/दवा की सेफ्टी जांच होती है। इंस्टीट्यूट ने 18 जून से ट्रायल शुरू किया था। नौ वॉलंटियर्स को एक डोज दी गई और दूसरे नौ वॉलंटियर्स के ग्रुप को बूस्टर डोज मिली। किसी वॉलंटियर पर वैक्सीन के साइड इफैक्ट देखने को नहीं मिले और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सेचेनोव यूनिवर्सिटी में वॉलंटियर्स के दो ग्रुप को अगले हफ्ते डिस्चार्ज किया जाएगा। उन्हें 23 जून को डोज दी गई थी। अब यह सभी 28 दिन तक आइसोलेशन में रहेंगे ताकि किसी और को इंफैक्शन न हो। 18 से 65 साल के इन वॉलंटियरों को छह महीने तक मॉनिटर किया जाएगा। रूस आम जनता को वैक्सीन देने की तैयारी में इसलिए है क्योंकि वह कोरोना वैक्सीन टेस्टिंग की रेस में सबसे आगे निकलना चाहता है। अमेरिका, ब्राजील और भारत के बाद से सबसे ज्यादा केस वहीं पर हैं। रूसी सरकार पहले कह चुकी है कि 50 से ज्यादा अलग-अलग वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। उनके वैज्ञानिकों ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वैक्सीन डेवलप करना राष्ट्रीय सम्मान का सवाल है। अलेक्जेंडर जिंट्सबर्ग का दावा है कि यह वैक्सीन अगले दो साल तक कोरोना से बचाएगी।

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