Thursday, 16 July 2020

ताहिर हुसैन ने दंगाइयों को मानव हथियार बना लिया

आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को जमानत देने से इंकार करते हुए सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं। अदालत ने कहा कि निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने कथित तौर पर दंगाइयों का इस्तेमाल मानव हथियार के रूप में किया जो उसके उकसाने पर किसी की भी हत्या कर सकते थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि हुसैन जैसे ताकतवर लोग जमानत पर छूटने पर मामले में गवाहों को धमका सकते हैं। उन्होंने कहा, इस स्तर पर मुझे लगता है कि इस बात के पर्याप्त प्रमाण उपलब्ध हैं कि आवेदक अपराध स्थल पर मौजूद था और एक समुदाय विशेष के दंगाइयों को निर्देशित कर रहा था। उसने अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि मानव हथियार के तौर पर दंगाइयों का इस्तेमाल किया जो उसके उकसाने पर किसी की भी जान ले सकते थे। जज ने कहा, इस मामले में जिन गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं, वे उसी इलाके के निवासी हैं और आवेदक (हुसैन) जैसे ताकतवर लोग उन्हें आसानी से धमका सकते हैं। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि आदेश में जो भी कहा गया है वह इस स्तर पर ऑन रिकार्ड उपलब्ध सामग्रियों के प्रारंभिक विश्लेषण पर आधारित है जिसकी मुकदमे की कसौटी पर परख अभी होनी है। दिल्ली पुलिस ने मामले में अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया था कि अंकित शर्मा की हत्या के पीछे गहरी साजिश की गई और ताहिर हुसैन की अगुवाई में भीड़ ने उन्हें ही खासतौर पर निशाना बनाया। मामले में आरोपी ताहिर हुसैन के वकील जावेद अली ने अपने मुवक्किल को जमानत देने की पैरवी करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के अंकित शर्मा की हत्या में शामिल होने को लेकर पुलिस के पास कोई ठोस सुबूत नहीं है। दूसरा पुलिस जानबूझकर गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी कर रही है। तीसरा उनका मुवक्किल मौका-ए-वारदात पर मौजूद नहीं था। -अनिल नरेन्द्र

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