Wednesday, 1 July 2020

पीएम केयर्स बनाम राजीव गांधी फाउंडेशन

एक भयंकर युद्ध लद्दाख में चीन और भारत का चल रहा है तो दूसरा युद्ध भारत के अंदर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में विदेशी चंदे को लेकर छिड़ गया है। एक तरफ भाजपा का पीएम केयर्स फंड है और दूसरी तरफ राजीव गांधी फाउंडेशन को विदेशी चंदे का है। पहले बात करते हैं भाजपा के द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन को आए चंदे की। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दान मिलने पर 10 सवाल पूछे हैं। चीन की ओर से राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों दिया गया? 130 करोड़ देशवासी जानना चाहते हैं कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से कितना पैसा हासिल किया? कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच क्या रिश्ता है? दोनों के बीच हस्ताक्षरित और गैर-हस्ताक्षरित क्या है? प्रधानमंत्री राहत कोष से 2005-08 तक राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा क्यों जारी किया गया? यूपीए शासन में कई केंद्रीय मंत्रालयों, सेल, गेल, एसबीआई, अन्य पर राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने के लिए क्यों दबाव बनाया गया। तत्कालीन पीएम राहत कोष का ऑडिटर कौन था? भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ठाकुर वैद्यनाथ एंड अय्यर कंपनी राजीव गांधी फाउंडेशन की ऑडिटर थी। रामेश्वर ठाकुर इसके फाउंडर थे। वह राज्यसभा के सांसद थे और चार राज्यों के राज्यपाल भी रहे। कई दशकों तक उसके ऑडिटर रहे, ऐसा क्यों? देश जानना चाहता है कि ऐसे लोगों को ऑडिटर बनाकर क्या सरकार करना चाह रही थी? राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को दान कैसे दिया गया जो एक परिवार द्वारा नियंत्रित है? मेहुल चोकसी से राजीव गांधी फाउंडेशन में पैसा क्यों लिया गया? मेहुल चोकसी को लोन देने में मदद क्यों की गई? जवाहर लाल नेहरू भवन को अमूल्य जमीन कैसे अलॉट की गई? डॉ. मनमोहन सिंह बताएंगे कि वह राजीव गांधी फाउंडेशन के नाम पर लूट को क्या कहेंगे? चीन से चंदे को लेकर भाजपा के हमलों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने चीनी कंपनियों से पीएम केयर्स फंड में दान को लेकर सरकार और भाजपा को घेरा है। पार्टी ने पीएम के नौ बार चीन दौरे का हवाला देते हुए उनका चीन से विशेष लगाव होने का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस ने दावा किया कि बीजिंग से पीएम के विशेष रिश्ते के चलते चीनी कंपनियों ने बड़ी रकम पीएम केयर्स फंड में दी है। चीनी अनुदान पर गरमाई सियासत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोरोना पॉजिटिव होते हुए भी कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी रविवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये भाजपा पर जवाबी हमला बोलने उतरे। पीएम केयर्स फंड में चीनी पैसे के तार का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री मोदी ने सिद्ध कर दिया है कि चीन का आघात उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है। चीन ने हमारी कितनी जमीन और पोस्ट ली है यह भी उनके लिए मायने नहीं रखता। उनके लिए दो ही चीजें मायने रखती हैं एक खुद और उनका अपना व्यक्तित्व और दूसरा राजीव गांधी फाउंडेशन। सिंघवी ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को मिलने वाले दान का तो ऑडिट होता है और सब लोगों के सामने है। लेकिन अहम सवाल है कि पीएम केयर्स राहत कोष के रहते कोविड के नाम पर पीएम केयर्स का नया ट्रस्ट क्यों बनाया गया? जिसकी न सीएजी द्वारा ऑडिट का प्रावधान है और न ही इसे आरटीआई में रखा गया है? सिंघवी ने कहा कि पीएम केयर्स फंड में कोई पारदर्शिता नहीं है और यह सत्तारूढ़ पार्टी का फंड बन गया है। इसमें करीब 9600 हजार करोड़ रुपए अब तक आ चुके हैं जिसमें चीन से आई रकम के भी तार जुड़े हैं। इसमें चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़ी टेलीकॉम कंपनी हुआवे ने सात करोड़, टिक-टॉक ने 30 करोड़, पेटीएम जिसमें चीनी कंपनी की 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है ने 100 करोड़ रुपए, जियोमी ने 15 करोड़ और ओप्पो ने एक करोड़ रुपए दिए हैं। कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) से जुड़े आरोपों को लेकर कई सवाल किए हैं। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा को खुद को चुनावी बांड के जरिये मिले चंदे तथा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के साथ अपने संबंधों के बारे में जवाब देना चाहिए। सुरजेवाला ने नड्डा के 10 सवालों के जवाब में 10 सवाल पूछे और यह भी आरोप लगाया कि चीनी घुसैपठ के मुद्दे पर केंद्र सरकार की विफलता से ध्यान हटाने के लिए भाजपा रोजाना कांग्रेस पर आरोप मढ़ रही है। यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि कांग्रेस और देशवासी हमारी मातृभूमि में चीनी घुसपैठ के बारे में सरकार से सवाल करना बंद कर दें।

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