Thursday 2 July 2020

कोरोना काल में वर्चुअल रैलियां

कोरोना काल में भाजपा ने वर्तमान परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाते हुए सियासी गतिविधियों को तेज कर दिया है। लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के माहौल में भाजपा डिजिटल प्लेटफार्म पर वर्चुअल संवाद के जरिए लोगों तक पहुंचा रही है। उसकी चुनावी तैयारी भी शुरू हो गई है और संगठनात्मक कार्य भी। भाजपा मुख्यालय में वर्चुअल रैलियों का मंच भी तैयार हो गया है, जिसे उसके बड़े नेता संबोधित कर रहे हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल के पूरे होने पर की जा रही वर्चुअल रैलियों के माध्यम से पार्टी देशभर में पहुंच रही है और डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए उसकी जगह भी बना रही है। भाजपा यह मानकर चल रही है कि कोरोना काल लंबा खिंच सकता है और देश की राजनीतिक गतिविधियों को जब तक ठप्प नहीं रखा जा सकता है। सबसे पहले बिहार के विधानसभा चुनाव हैं, उसके बाद उसे पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों की तैयारी करनी है। हर साल कोई न कोई महत्वपूर्ण राज्यों का चुनाव होना है और भाजपा उसके लिए विरोधी दलों को मौका नहीं देना चाहती है। पार्टी के अन्य नेता भी राजनीति के मुताबिक विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में सभाएं कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम बड़े नेताओं को रणनीतिक हिसाब से ही विभिन्न राज्यों में वर्चुअल रैलियों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। किन राज्यों में गठबंधन के साथ आगे बढ़ना है, कहां क्षेत्रीय दलों से मुकाबला करना है और कहां पर कांग्रेस से सीधे संघर्ष करना है? इसे इन रैलियों की तैयारी में खास ध्यान रखा गया है। वर्चुअल रैलियां होने से इन पर मौसम का भी ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। पार्टी की योजना अगले कुछ महीनों में संगठन और राजनीतिक संवाद के लिए डिजिटल प्लेटफार्म पर और ज्यादा सक्रियता को बढ़ाने की है। इस मौके पर फिलहाल उसके तमाम विरोधी दल काफी पीछे हैं। जेपी नड्डा के हाथों में पार्टी कमान जाने के बावजूद गृहमंत्री अमित शाह संगठन स्तर पर सक्रिय हैं और वर्चुअल रैलियों में भी संवाद की मुख्य कमान संभाले हुए हैं।

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