Friday 3 July 2020

चीन की मुस्लिम आबादी पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं

चीन की सरकार मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के अपने अभियान के तहत उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के बीच जन्मदर को घटाने के लिए सख्त से सख्त कदम उठा रही है। इतना ही नहीं, देश के हान बहुसंख्यकों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों और पूर्व में हिरासत शिविरों में रखे गए 30 लोगों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर यह निष्कर्ष सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार पहले कभी-कभार कोई महिला जबरन गर्भनिरोधक के बारे में बोलती थी, लेकिन यह चलन पहले के मुकाबले ज्यादा बड़े पैमाने पर और सुनियोजित तरीके से शुरू हो चुका है। शिनजियांग के सदर पश्चिमी क्षेत्र में पिछले चार साल से चलाए जा रहे अभियान को कुछ विशेषज्ञ जनसांख्यिकीय नरसंहार करार दे रहे हैं। पड़ताल के दौरान लिए गए साक्षात्कार और आंकड़े बताते हैं कि इस प्रांत में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को नियमित तौर पर गर्भावस्था जांच कराने के लिए कहा जाता है। इतना ही नहीं, उन्हें कॉपर-टी जैसे अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आईयूडी) लगवाने व नसबंदी कराने तथा लाखों महिलाओं को गर्भपात कराने के लिए भी मजबूर किया जाता है। देश में जहां आईयूडी के इस्तेमाल और नसबंदी में गिरावट आई है वहीं शिनजियांग में तेजी से बढ़ रहा है। पड़ताल में पता चला है कि ज्यादा बच्चे होना ही हिरासत शिविरों में लोगों को भेजे जाने की बड़ी वजह है। हिरासत शिविरों में तीन या उससे ज्यादा बच्चों के माता-पिता को उनके परिवार से तब तक अलग रखा जाता है जब तक वह बड़ा जुर्माना नहीं भर देते। मां-बाप को इस बात से डराया जाता है कि ज्यादा बच्चे पैदा होने पर उन्हें हिरासत, शिविरों में भेज दिया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शिनजियांग के जिन क्षेत्रों में उइगर आबादी बहुतायत में है वहां 2015 से 2018 के बीच जन्मदर में 60 प्रतिशत गिरावट आई है। पूरे शिनजियांग प्रांत की बात करें तो पिछले साल जन्मदर 24 प्रतिशत घटी है।

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