Friday, 3 July 2020

चीन को लगा झटका, तीन लाख करोड़ तक घट सकता है व्यापार

चीन से बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने सोमवार रात बड़ा कदम उठाते हुए टिकटॉक, यूसी ब्राउजर और शेयरइट जैसे 59 चीनी एप बैन कर दिए। सरकार ने कहा कि इन एप के जरिये यूजर्स की जानकारी हासिल की जा रही है। यह देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी एक्ट-2009 की धारा 69ए के तहत चीनी एप बैन करने का फैसला किया। सरकार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत प्रमुख डिजिटल बाजार बन गया है। इसके साथ ही भारतीयों के डेटा की सुरक्षा से जुड़ी चिन्ताएं सामने आती रही हैं। सरकार ने पाया कि चीनी एप देश के लिए खतरा हैं। 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगने के 24 घंटे के अंदर ही चीनी प्रतिक्रिया आ गई। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने भारत में चीनी एप पर रोक के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहाöचीन द्वारा जारी नोटिस से अत्याधिक चिंतित है और कहा कि भारत सरकार पर अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के वैध और कानूनी अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी है। दरअसल भारत और चीन के बीच चल रहे टकराव में अब इन एप के बंद करने से व सरकार द्वारा हाइवे कांट्रेक्ट इत्यादि खत्म करने के फैसले से घबराहट पैदा हो गई है। चीन सरकार के मुख पत्र माने जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि टकराव की वजह से दोनों देशों के बीच कारोबार 50 प्रतिशत तक यानि करीब तीन लाख करोड़ रुपए तक घट सकता है। ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में चीन के खिलाफ बढ़ रहे रोष के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार में अच्छी-खासी कमी आ सकती है। इस खबर के मुताबिक जब से लद्दाख में विवाद बढ़ा है भारत में राष्ट्रवाद की भावना काफी तेज हो गई है और भारतीय नेता और मीडिया लगातार चीन को निशाना बना रहा हैं। इस कारण इस साल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में करीब 30 से 50 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। भारत सरकार द्वारा चीनी एप बैन करने के कदम को देर से आया फैसला ही कहा जा सकता है। क्योंकि चीन के खिलाफ इन एप पर रोक लगाने के बारे में पहले भी काफी प्रदर्शन किए गए हैं और दलीलें भी दी गई हैं। मगर यह सब कुछ तब हुआ जब चीन के खिलाफ देशभर में काफी रोष है और सरकार पर भी इस बात को लेकर काफी दबाव है कि उसे चीन के विरुद्ध कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे जनता का गुस्सा कुछ हद तक शांत हो सके। हालांकि सरकार भी यह मानती है कि चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने का उसका निर्णय बहुत निर्णायक या मारक नहीं है, इसके बावजूद उसने अगर प्रतिबंध के रास्ते पर अपने कदम बढ़ाए हैं तो यह आगे चलकर देश के हित में ही होगा। इस बात से कोई इंकार नहीं करेगा कि चीन ने इन एप के जरिये काफी सेंधमारी हमारे यहां कर रखी थी। नियमत सरकारी सूचना जारी होने के 24 घंटे के अंदर प्ले स्टोर और एप स्टोर से यह सारे एप हट जाने चाहिए। इन सबके अलावा सरकार को इस बात के लिए भी चौकस रहना होगा कि कहीं यह एप चोर दरवाजे से तो घुसने की कोशिश में नहीं हैं?

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