Saturday 1 February 2014

दिल्ली में दिन-दहाड़े सबसे बड़ी लूट कितना लूटा, किसने लूटा पता नहीं

  1. यह दिल्ली की सबसे बड़ी लूट है। हथियारबंद बदमाशों ने मंगलवार को दिनदहाड़े दिल्ली की सबसे बड़ी लूट को अंजाम दिया। दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में बदमाश एक वित्तीय पबंधक से आठ मिनट में करीब आठ करोड़ रुपए व उसकी कार लूटकर फरार हो गए। कालकाजी निवासी राकेश कुमार दो व्यापारियों के वित्तीय कामकाज देखते हैं। मंगलवार सुबह 9 बजे वह अपनी होंडा सिटी कार में चार साथियों के साथ लाजपत नगर की ओर जा रहे थे। डिफेंस कालोनी मार्केट के पास एक बैगनआर कार उनकी होंडा सिटी कार से टकराई। इन लोगों में विवाद शुरू हो गया और इस दौरान एक अन्य कार होंडा सिटी के पास आकर रुकी। उसमें से तीन लोग उतरे और हथियार दिखाकर राकेश से कार की चाबी ली और सभी को उतारकर कार समेत फरार हो गए। कार में रखे करीब 8 कऱोड़ रुपए भी ले गए। बदमाश लूटी गई कार से रुपए निकालने के बाद वारदात में पयुक्त दोनों कारों को घटनास्थल से थोड़ी-थोड़ी दूरी पर छोड़ गए। यह कारें गाजियाबाद-दिल्ली से लूटी और चुराई गई थीं। यह दिल्ली में सबसे बड़ी लूट है। दिलचस्प बात यह कि इस बिग लूट में ट्विस्ट, सस्पेंस, थ्रिलर की भी स्किप्ट जुड़ गई हैं। रोज नई बातें सामने आ रही हैं। चौंकाने वाला पहलू यह है कि अब तक दिल्ली पुलिस के हाथ खाली हैं। वारदात के बाद एफआईआर में लूट की रकम 8.11 करोड़ दर्ज कराई गई। अब सूत्र बता रहे हैं कि थाने में केस दर्ज कराने वाले हीरा व्यापारी राकेश कुमार को भी लूट की रकम का अंदाजा नहीं है। अलग-अलग लोगों से पूछताछ से रकम का हिसाब कितना गड़बड़ा रहा है। अंदाजा, अनुमान और दावे के बीच लूटी रकम 8 से 15 करोड़ के बीच झूल रही है। कयास यह भी है कि उस रकम के साथ विदेशी करेंसी भी थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो ऐसा पहली बार है जब खुद लुटने वाले को इतनी बड़ी रकम का सही गुणा-भाग पता नहीं है, या वह कुछ छुपा रहा है। दिल्ली पुलिस के राडार पर लुटने वाले और लूटने वाले दोनों ही हैं। लूटी गई रकम राजेश कालरा और उसके पार्टनर राहुल आहूजा की थी। यह वही राजेश कालरा हैं जो सन् 2000 में मैच फिक्सिंग के आरोप में जेल जा चुके हैं। तत्कालीन पुलिस कमिशनर नीरज कुमार ने जो मैच फिक्सिंग केस में चार्ज शीट तैयार करवाई थी उसमें राजेश कालरा का भी नाम था। हालांकि राजेश जमानत पर बाहर हैं। राजेश हैंसी कोन्ये मैच फिक्सिंग आरोपी है। पिछले साल आईपीएल में स्पाट फिक्सिंग रैकेट में भी उसका नाम उछला था और उस केस के कई करेक्टर्स से उसके चलते-बदलते रिश्ते रहे हैं। दुबई के अंडरवर्ल्ड लिंक्स के अलावा राजेश के कनेक्शन जयपुर के जुपिटर, कई और बुकीज से लेकर बिंदु दारा सिंह तक, कई छोटे-बड़े नामों के साथ है। पुलिस को यह शक है कि कहीं पोफिट बंटवारे के झगड़े की वजह से अंडरवर्ल्ड ने तो वारदात नहीं कराई? यह भी है कि क्या इतनी बड़ी रकम भारत-न्यूजीलैंड सीरीज पर लगने वाली रकम तो नहीं है? क्या इतनी बड़ी रकम आगामी आईपीएल के लिए संभालकर रखवाई जा रही थी? क्या वाकई इस रकम को बैंक में जमा कराया जाना था या लाकरों में रखवाया जाना था या किसी और सुरक्षित जगह पर ले जाई जा रही थी या यह सब स्टेज मैनेज्ड है? इस तरह के कई सवालों में उलझी पुलिस अभी तक किसी ठोस नतीजे के करीब नहीं पहुंच सकी है।
  2. -अनिल नरेन्द्र

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