Friday 7 February 2014

केजरीवाल सरकार कब तक चलेगी?

हिंदी की एक फिल्म आई थी `ये आग कब बुझेगी।' उसी तर्ज पर दिल्ली की जनता सवाल पूछ रही है कि ये केजरीवाल की आम आदमी पाटी की सरकार कब गिरेगी? अल्पमत की आप सरकार तभी गिरेगी जब कुछ विधायक सरकार से अपना समर्थन वापस लेंगे। यह दो ही सूरत में हो सकता है। पहली अगर कांग्रेस के पांच विधायक समर्थन वापस लें या फिर आप के 28 में से एक तिहाई विधायक समर्थन वापस लें। निर्दलीय विधायक भी अपना समर्थन वापस लें तो भी सरकार खतरे में पड़ सकती है। पिछले दिनों आम आदमी पाटी के विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने सरकार गिराने का असफल पयास किया था। जद-यू विधायक शोएब इकबाल और निर्दलीय विधायक रामवीर शौकीन ने पहले तो बिन्नी का साथ दिया फिर केजरीवाल से बातचीत करने के बाद घोषणा कर दी कि हमारा समर्थन सरकार को जारी रहेगा। रही बात कांग्रेस की तो केजरीवाल का सारा दारोमदार कांग्रेस समर्थन पर टिका हुआ है। आए दिन कांग्रेसी धमकियां देते रहते हैं कि हम अपना समर्थन वापस ले लेंगे पर हमें नहीं लगता है कि फिलहाल कांग्रेस समर्थन वापस लेगी। कांग्रेस यूं ही केजरीवाल पर तलवार लटकाए रखेगी। दिल्ली पदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और विधायक दल के नेता हारून यूसुफ ने घोषणा की है कि आम आदमी पाटी सरकार को हम आधे घंटे में जब चाहें गिरा सकते हैं लेकिन जनहित को देखते हुए पाटी चाहती है कि केजरीवाल सरकार चले और लोगों के भले के लिए काम करे। कांग्रेस लगातार यह भी कहती है कि वह सरकार के गैर-कानूनी कामों में उसका साथ नहीं देगी। अपने इस विचार को आगे बढ़ाते हुए पाटी ने विस में सरकार के जन लोकपाल बिल का विरोध करने का फैसला किया है। दूसरी ओर आप सरकार का कहना है कि उसे सरकार गिरने की चिंता नहीं है,वह अपने घोषणा पत्र को लागू करने के पयास में लगी रहेगी। कांग्रेस हर हाल में दोबारा विधानसभा चुनाव को लोकसभा चुनाव तक टाल रही है। उसे भय है कि अगर दोबारा चुनाव हुए तो जो सीटें अल्पसंख्यक वोटों के बूते पर कांग्रेस जीती थी वह भी दोबारा चुनाव होने पर हार जाएगी पर भाजपा नेताओं का कहना है यह तर्क जोरदार इसलिए नहीं लग रहा है कि कांग्रेस जैसी पाटी दो-चार सीटों के दबाव में फैसले नहीं बदलेगी। इसलिए यह बात ज्यादा दमदार लगती है कि बिना शर्त समर्थन देते समय भी कांग्रेस नेतृत्व के सामने केजरीवाल एंड कंपनी के साथ भाजपा के पधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को पधानमंत्री बनने से रोकने की कोशिश थी और है। यह अलग मामला है कि इस चक्कर में केजरीवाल एंड कंपनी कांग्रेस को इतना नुकसान पहुंचा दे कि राहुल के रहे-सहे चांस भी खत्म हो जाएं और अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी क्षति उठानी पड़े। जिस रफ्तार से केजरीवाल पुरानी फाइलें खंगाल रहे हैं उसमें तो कांग्रेस ही फंसेगी। इसलिए लगता नहीं कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कांग्रेस निकट भविष्य में इस सरकार से अपना समर्थन वापस लेगी। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले या फिर चुनाव परिणाम के बाद शायद कांग्रेस समर्थन वापस ले। भाजपा को भी इस सरकार को गिराने की जल्दी नहीं है क्येंकि वह सरकार तभी बना सकती है जब आप में विद्रोह हो, बगावत हो और एक तिहाई विधायक भाजपा का समर्थन करें जिसकी सम्भावना फिलहाल नजर नहीं आ रही। केजरीवाल सरकार अभी चलेगी।

No comments:

Post a Comment