राजस्थान में अरावली पर्वतमाला की
128 में से 30 से ज्यादा पहाड़ियों के गायब हो
जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। राजस्थान में अवैध खनन के कारण
30 पहाड़ियां नक्शे से पूरी तरह गायब हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस
मदन बी. लोकुर व जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने इस पर नाराजगी
जताते हुए राजस्थान सरकार से पूछा कि क्या इस क्षेत्र के लोग हनुमान बन गए हैं,
जो पहाड़ी लेकर भाग गए? इतनी तादाद में पहाड़ियों
के गायब हो जाने से पर्यावरण के मोर्चे पर हमारी सरकारों की उदासीनता की एक झलक जरूर
मिलती है। लालच का जो तंत्र नदियों को सुखा दे रहा है, वही तंत्र
सुनियोजित तरीके से पहाड़ियों को गायब कर रहा है। दिल्ली की सीमा से लगी अरावली की
पहाड़ियों का 20 फीसदी से अधिक हिस्सा कुछ वर्षों में नहीं,
बल्कि पिछले 50 साल में गायब हुए हैं, पर इससे राजस्थान की मौजूदा वसुंधरा राजे सरकार का दामन पाक-साफ नहीं हो जाता, क्योंकि वह खुद मान रही हैं कि अवैध
खनन का काम अब भी जारी है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने देहरादून स्थित भारतीय वन सर्वे
(एफएसआई) को राजस्थान के अरावली क्षेत्र की पहाड़ियों
का सैटेलाइट सर्वे करने को कहा था। सर्वे में सामने आया कि प्रदेश के 770 हैक्टेयर क्षेत्र में 3200-3300 ऐसी जगह चिन्हित हुईं,
जहां अवैध खनन हो रहा था। एफएसआई ने यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट की सेंटर
इम्पावर्ड कमेटी को सौंपी थी। इसमें सुझाव भी दिया गया था कि मौके पर इसका भौतिक सत्यापन
भी कराया जाए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने 16 जिलों में कलैक्टरों की ओर से राजस्व, वन और खनन विभाग
की संयुक्त टीमें बनाकर सत्यापन कराया गया तो सामने आया कि 115.34 हैक्टेयर क्षेत्र में अवैध माइनिंग हुई है, जिसके चलते
30-31 पहाड़ियां गायब हो गईं। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजस्थान
सरकार को निर्देश दिया है कि 48 घंटे के भीतर अरावली पहाड़ियों
के 115.34 हैक्टेयर क्षेत्र में अवैध खनन बंद किया जाए। जस्टिस
बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि दिल्ली के
प्रदूषण में बढ़ोत्तरी का एक कारण राजस्थान की इन पहाड़ियों का गायब होना भी हो सकता
है। यद्यपि राजस्थान को खनन से 5000 करोड़ रुपए की रॉयल्टी मिलती
है, लेकिन वह दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों की जिन्दगी को
खतरे में नहीं डाल सकता। पीठ ने कहा, पहाड़ियों का सृजन ईश्वर
ने किया है। कुछ तो ऐसी वजह होंगी जो ईश्वर ने ऐसा किया। ये अवरोधक की भूमिका निभाती
हैं। यदि आप सभी पहाड़ियों को हटाने लगेंगे तो दिल्ली-एनसीआर
तक प्रदूषण आएगा। पीठ ने राजस्थान सरकार से पूछा है कि उसने खनन की गतिविधियों को रोकने
के लिए क्या कदम उठाए हैं?
-अनिल नरेन्द्र
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