Tuesday 30 October 2018

दिल्ली में असुरक्षित बुजुर्ग

दिल्ली के पश्चिम विहार में दो बुजुर्ग बहनों की घटना गंभीर है। यह घटना राजधानी में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर चिन्ता का विषय है। इसी इलाके में पिछले माह भी घर में एक बुजुर्ग मां और बेटी की हत्या कर दी गई थी। पश्चिम विहार इलाके में दो सगी बुजुर्ग बहनों की घर में घुसकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद आरोपी कीमती गहनें व नकदी लूट कर मौके से फरार हो गए। पुलिस के अनुसार दोनों अविवाहित बहनें आशा पाठक (70) और ऊषा पाठक (75) पिछले 35 सालों से फ्लैट नम्बर 97, सैकेंड फ्लोर, आनंद वन सोसाइटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लैक्स के पास पश्चिम विहार में रहती थीं। ऊषा हापुड़ कॉलेज में म्यूजिक टीचर जबकि आशा कृषि भवन स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च में लाइब्रेरियन थीं। इस निर्मम हत्याकांड का मामला सुलझाते हुए पुलिस ने महज 24 घंटे के अंदर चार बदमाशों को गिरफ्तार किया, जबकि दो अन्य मुख्य आरोपी इस लेख लिखने तक अभी फरार हैं। दोहरे हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता एक प्लम्बर था। पकड़े गए बदमाशों के नाम अखिलेश यादव (24), सलमान शाह (19), दीपक सैनी उर्प बबलू (22) व राजू यादव (34) हैं। सभी आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। अखिलेश पेशे से प्लम्बर है और बुजुर्ग बहनों के घर में एक दिन पहले पाइप का काम करने गया था। अखिलेश ने साजिश के तहत दोनों बुजुर्ग बहनोंöआशा पाठक व ऊषा पाठक की हत्या करवाई और घर से लाखों रुपए के गहनें, महंगा सामान तथा नकदी लेकर फरार हो गए। अखिलेश सोसाइटी का पंजीकृत प्लम्बर नहीं था, जिसके चलते उसने लूटपाट की साजिश रची। वह शाम को सामान की सूची बनाकर चला गया और दोस्तों से सम्पर्प साध कर लूटपाट की साजिश रची। 24 अक्तूबर को उसने बुजुर्ग बहनों के घर पूरे दिन काम किया। इसके बाद सलमान शाह सहित दो अन्य आरोपी बुजुर्ग बहनों के घर बिजली के उपकरण की मरम्मत करने के बहाने गए। वारदात के वक्त दो बदमाशों के साथ अखिलेश सोसाइटी के बाहर इंतजार कर रहा था। इस बीच सलमान शाह सहित दोनों बदमाशों ने बुजुर्ग बहनों की हत्या कर घर में लूटपाट की और वहां से फरार हो गए। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस का मानना है कि इस प्रकार की वारदात में आरोपी उनके जानकार होते हैं। ऐसे में संभव है कि कोई गिरोह इस तरह अकेले रह   रही बहनों को निशाना बनाए। पुलिस के लिए ऐसी वारदातें रोकना मुश्किल है। पर इन बिल्डिंग की सोसाइटी इसमें ज्यादा मददगार हो सकती है। अगर वह बिल्डिंग में प्रवेश करने वालों की सख्त जांच करें तो ऐसे मामले से बच सकते हैं। इससे पता चलता है कि दिल्ली में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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