Friday, 19 October 2018

जेसिका हत्याकांड की पुनरावृत्ति होते-होते बची

भीकाजी कामा प्लेस स्थित फाइव स्टार होटल हयात में पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडे के बेटे आशीष पांडे ने पिस्टल के बल पर न केवल युवक-युवती को धमकाया, बल्कि अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया। आशीष की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हुई। किसी ने तंज कसा तो किसी ने होटल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की खामी भी गिना दी। इस घटना ने एक बार फिर मॉडल जेसिका लाल की 29 अप्रैल 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्तरां में  गोली मारकर हत्या याद करा दी। इसकी वजह जेसिका द्वारा मनु शर्मा को शराब परोसने से मना करना था। छोटी-सी बात पर मनु ने गोली मार दी थी। मनु हरियाणा के कद्दावर नेता विनोद शर्मा का बेटा है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने जेसिका के हत्यारे मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई। हयात होटल में लगभग वैसी ही स्थिति बन गई थी। फर्प सिर्प इतना था कि आशीष पांडे को उसके दोस्तों ने हादसा होने से पहले घसीट लिया और उनकी बीएमडब्ल्यू कार में बिठा दिया। पीड़ित गौरव दिल्ली के पूर्व कांग्रेसी विधायक के  बेटे हैं। गौरव के मुताबिक वह रेस्तरां में अपनी दोस्त के साथ बैठे थे। फ्रेंड को उल्टी आई तो वह उसे लेडीज वॉशरूम तक ले गया। झगड़ा यहीं से शुरू हुआ। आशीष के साथ आई तीन महिलाओं ने उनसे अभद्रता की। बाहर निकले तो आशीष ने पिस्टल तान दी। घटना 13 अक्तूबर की है। वीडियो वायरल हुआ तो आरकेपुरम थाने ने मामला दर्ज किया। मजेदार बात है कि पूरी घटना की वीडियो कार में बैठी ही किसी लड़की ने बनाई। पीड़ित युवती के मित्र ने एक न्यूज चैनल को बताया कि आरोपित के हाथ में पिस्टल देखकर मैं डर गया था। होटल स्टाफ ने बीच-बचाव की कोशिश की लेकिन वे खुद भी डरे हुए थे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट किया है कि दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट व आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आशीष पांडे को पकड़ने के लिए दिल्ली और लखनऊ में कई जगह छापे मारे हैं पर इस लेख को लिखते समय तक वह काबू नहीं आया है। लुकआउट नोटिस जारी है। मुझे 19 साल पहले घटी जेसिका लाल मर्डर की याद आ गई। देश और राजधानी में बढ़ते गन कल्चर और पश्चिमी प्रभाव के कारण युवा वर्ग भटकता जा रहा है। न ही इन्हें समाज की कोई फिक्र है और न ही अपनी रेपुटेशन की। छोटी-छोटी बातों में गुंडई, दबंगई आज आम होती जा रही है। लड़कों को तो छोड़ें लड़कियों का आज बुरा हाल है। माता-पिता ने तो ऐसे इन्हें खुला छोड़ रखा है मानो उन्हें परिणामों से कोई फर्प नहीं पड़ता। इसमें हम समाज और बढ़ती पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव को ज्यादा दोषी मानते हैं। ऐसे किस्सों में पुलिस कुछ नहीं कर सकती। हां घटना के बाद कसूरवारों को जरूर पकड़ कर इंसाफ करा सकती है।

-अनिल नरेन्द्र

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