Tuesday 23 October 2018

आर्थिक तंगी से परेशान चार भाई-बहनों ने लगाई फांसी

अमृतसर ट्रेन हादसे से अभी हम उभरे भी नहीं थे कि फरीदाबाद की घटना ने हमें विचलित कर दिया। गरीबी और भुखमरी सबसे बड़ा दुख है। दिल दहलाने वाली यह घटना फरीदाबाद की है। ईसाई समुदाय के एक परिवार के चार भाई-बहनों ने दयाल बाग (सूरजपुंज) के एक फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फ्लैट से बदबू आने पर शनिवार सुबह साढ़े सात बजे पड़ोस में बने प्ले स्कूल के प्रबंधन ने पुलिस को जब जानकारी दी तो पुलिस ने दरवाजा तोड़कर घर में देखा कि एक कमरे में एक महिला का शव फंदे से लटका था। हॉल में लगे दो पंखों से दो और महिलाओं के शव लटके पड़े थे, जबकि पीछे के कमरे में एक युवक का शव लटका मिला। इनकी पहचान मीना (42), बीना (41) जया (39) और प्रदीप (37) के रूप में हुई। मौके से 18 अक्तूबर को लिखा सुसाइड नोट मिला है, जिसमें माता-पिता व छोटे भाई की मौत और आर्थिक तंगी को खुदकुशी का कारण बताया गया है। चारों ही अविवाहित और बेरोजगार थे। पुलिस ने बताया कि मूल रूप से केरल निवासी जेजे मैथ्यू कई साल से परिवार समेत फरीदाबाद में रहे थे। मैथ्यू व पत्नी एग्नेस हरियाणा पर्यटन निगम में पांच सितारा होटल राजहंस में काम करते थे व सेवानिवृत्त हो चुके थे। गत अप्रैल में मैथ्यू की ओर जुलाई में एग्नेस की मौत हो गई थी। अगस्त में उनके बेटे संजू की भी एक हादसे में मौत हो गई थी। पांच माह में ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद चारों भाई-बहन डिप्रैशन में थे। दयाल बाग में सामूहिक आत्महत्या करने वाले मैथ्यू परिवार में सभी खुशमिजाज और दिल खोलकर खर्च करने वाले थे। जेजे मैथ्यू ने कभी बचत करने की नहीं सोची और वर्तमान को ही खुलकर जीने की सोची थी, लेकिन उनकी मौत के महज सात माह में हंसता-खेलता परिवार काल के गाल में समा गया। उनकी पत्नी एग्नेस तीनों बेटियों को नन बनाना चाहती थीं। इसलिए उनकी शादी नहीं की थी। होटल राजहंस के स्टाफ क्वार्टर में रहने वाले मैथ्यू परिवार के पड़ोसी जब भी बच्चों की शादी का जिक्र करते तो एग्नेस चुप करवा देती थीं। इतना ही नहीं, पड़ोसियों ने प्रदीप और मंजू की कई बार नौकरी लगवाई लेकिन वह छोड़कर आ गए। चारों ने सुसाइड नोट में अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त की कि उनका अंतिम संस्कार बुराड़ी (दिल्ली) स्थित कब्रिस्तान में ही किया जाए। फादर रवि कोटा ने बताया कि उनके माता-पिता और भाई को भी इसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था। सुसाइड नोट में लिखा है कि घर में रखा संजू का कुछ सामान, बीपी मशीन, चार कंबल, व्हीलचेयर, कुछ नए बर्तन, डिनर सेट को चेरिटी (दान) करवा दें और इन्वर्टर फादर चर्च के लिए रख लें। उन्होंने लिखा था कि बुरे समय में मदद करने वाले संजू के मित्रों, जोशी अंकल व आंटी अर्चना सिस्टर, फादर सुमन व फादर रवि कोटा और होटल राजहंस के स्टाफ ने हमारी मदद की। इन सभी को हृदय से धन्यवाद।

-अनिल नरेन्द्र

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