पुलवामा
हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर पर एक बार फिर प्रतिबंध लगाने के लिए यूएन सुरक्षा
परिषद में प्रस्ताव पेश किया गया है। इसे अमेरिका, फ्रांस और
ब्रिटेन ने पेश किया है। अब सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति प्रस्ताव पर
10 दिन में विचार करेगी। अमेरिका, फ्रांस,
ब्रिटेन और रूस पहले की तरह इस बार भी भारत के साथ हैं। फ्रांस,
अमेरिका और ब्रिटेन ने प्रस्ताव में मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की
मांग की है। हालांकि इस प्रस्ताव पर चीन ने कोई प्रतिक्रिया फिलहाल नहीं दी है। आतंकी
मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए 10 साल में चौथी बार सुरक्षा
परिषद में प्रस्ताव आया है। 2009 में भारत ने प्रस्ताव रखा था।
2016 में भारत, अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के समर्थन से दूसरी बार प्रस्ताव लाया गया। तीसरी बार
2017 में भी ऐसा ही प्रस्ताव रखा गया। चीन ने हर बार इसे तकनीकी तौर
पर गलत बताकर इसे पारित होने से बचा लिया। यूएन की सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य
हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस,
ब्रिटेन और चीन शामिल हैं। इनके पास वीटो पॉवर भी है यानि कि कोई भी
प्रस्ताव लाया जाता है तो इनमें से कोई भी देश इसको वीटो करके पास होने से रोकने का
अधिकार रखता है। अर्जेंटीना, बहरीन, ब्राजील,
कनाडा, गोबोन, गाम्बिया,
मलेशिया, नाम्बिया, नीदरलैंड्स
और स्लोवेनिया इसके स्थायी सदस्य हैं, जो दो साल के लिए हैं।
पहली मार्च से स्थायी सदस्य फ्रांस इसका अध्यक्ष हो गया है। अमेरिका समेत तीन देशों
का प्रस्ताव भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक बढ़त है। यदि जैश सरगना को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित करने के प्रस्ताव
पर सुरक्षा परिषद की मुहर लग जाती है तो वह दुनिया के किसी भी देश में यात्रा नहीं
कर सकेगा। उसकी सम्पत्ति जब्त होगी। सुरक्षा परिषद से प्रतिबंध लगने के बाद संयुक्त
राष्ट्र के सभी सदस्य देश अपने घरेलू स्तर पर भी संबंधित आतंकी पर प्रतिबंध लगा सकते
हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को आतंकी मसूद अजहर के सभी तरह के फंड और
खाते फ्रीज करने होंगे। साथ ही देश में मौजूद हर तरह की सम्पत्ति भी जब्त करनी होगी।
उसकी संस्थाओं के आर्थिक संसाधनों को भी बंद करना होगा। इसके अलावा सदस्य देश के लोग
आतंकी अजहर को किसी तरह की मदद नहीं पहुंचा सकेंगे। देखना अब यह होगा कि क्या पहले
की तरह इस बार भी चीन प्रस्ताव पर वीटो करके मसूद अजहर को बचाता है या नहीं?
चीन के रुख में थोड़ा परिवर्तन आया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार
चार देशों का प्रस्ताव पास हो जाएगा। पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि मसूद अजहर पाकिस्तान
में ही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू
में माना है कि पुलवामा हमले का जिम्मेदार आतंकी मसूद अजहर पाकिस्तान में ही है। इस
बयान के बाद पाक की हकीकत सामने आ गई है। मंत्री के मुताबिक मसूद अजहर पाकिस्तान में
है और बहुत बीमार है। अजहर इतना बीमार है कि वह अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सकता।
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