Saturday, 23 March 2019

चौकीदार अमीरों के होते हैं, इस सरकार की एक्सपायरी डेट पूरी हो चुकी है

पूर्वांचल (उत्तर प्रदेश) का सियासी चक्रव्यूह भेदने के लिए निकली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा यात्रा शुरू कर दी है। प्रियंका ने प्रयागराज में हनुमान जी के दर्शन कर अपनी यह गंगा यात्रा शुरू की। संगम तट पर पहुंचकर उन्होंने मां गंगा की पूजा की और लोकसभा चुनाव के ठीक पहले प्रियंका इस सियासी यात्रा के जरिये पूर्वी यूपी में कई समीकरणों को एक साथ साधने की कोशिश कर रही हैं। प्रियंका ने हनुमान जी के दर्शन के साथ गंगा यात्रा की शुरुआत कर अपनी हिन्दू विरोधी छवि को तोड़ने की कोशिश की। भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठन अकसर उन्हें ईसाई बताकर उन पर निशाना साधते रहे हैं। प्रियंका ने हनुमान जी की पूजा करके भाजपा की इस धारणा को तोड़ने का प्रयास किया है। यही नहीं, पूरी यात्रा के दौरान वह कई मंदिरों में जाएंगी। प्रियंका रास्ते में मां विंध्यवासिनी, शीतला माता, सीता जी और भगवान शिव के मंदिर भी जाएंगी। यात्रा के दौरान प्रियंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला किया। मोदी के चौकीदार अभियान पर प्रियंका बोलींöचौकीदार तो अमीरों के होते हैं, किसानों को अपनी फल की चौकीदारी खुद ही करनी पड़ती है। प्रियंका ने भाजपा के मैं भी चौकीदार अभियान पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी (मोदी) मर्जी है, वह अपने नाम के आगे क्या लगाते हैं, लेकिन मुझ से एक किसान भाई ने कहा था कि चौकीदार तो अमीरों के होते हैं। हम किसान अपनी चौकीदारी खुद करते हैं। प्रियंका ने आगे कहा कि चुनाव बहुत बड़े निर्णय की घड़ी है। मौजूदा समय में देश की जो स्थिति है, वैसी पिछले 45 वर्षों में कभी नहीं थी। इस सरकार ने देश की ही सार्वजनिक संस्थाओं को कमजोर किया है। सरकार किसी की जागीर नहीं है, लेकिन कुछ लोग ऐसा मानने लगे हैं। इसके लिए सहज होकर खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग देशभक्ति की बात करते हैं, लेकिन इससे बड़ी देशभक्ति कुछ नहीं हो सकती कि आप जागरूक बनें। फिजूल के मुद्दे नहीं उठाने चाहिए। सिर्फ देश और विकास की बात होनी चाहिए। गोपीगंज में रोड शो के बाद पत्रकारों से प्रियंका ने कहा कि दरअसल यह सरकार की एक्सपायरी डेट हो गई है। इसके बड़े-बड़े दावों की जमीनी हकीकत मुझे तो शून्य नजर आ रही है। कांग्रेस लगातार मोदी पर उद्योगपतियों, पूंजीपतियों के पक्ष में काम करने वाला प्रधानमंत्री होने का आरोप लगाती है। संकेतों की भाषा सभी लोग नहीं समझते। चुनाव में सीधे-सीधे बात करना ही सही रणनीति है। इसलिए बात ऐसी होनी चाहिए जिससे भाजपा की कमजोरियां, कमियां झलकें और मतदाता कांग्रेस को वोट देने का मन बनाएं। प्रियंका को देखने भारी भीड़ उमड़ रही है। देखना यह होगा कि कांग्रेस अपनी खोई जमीन वापस हासिल कर सकेगी। प्रियंका फिजूल के मुद्दों से हटकर उन मुद्दों पर बात कर रही हैं जिससे जनता सीधी जुड़ती है। बालाकोट से उत्पन्न राष्ट्रवाद रोटी, कपड़ा और मकान से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं, यही प्रियंका का लोगों को समझाने का प्रयास है। उन्होंने मिर्जापुर में वकीलों से मुलाकात की ओर आश्वस्त किया कि कांग्रेस की सरकार आते ही उनकी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपना जो रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है उसका जोरदार प्रचार भी किया है लेकिन हकीकत में यह सरकार पूरी तरह फ्लॉप है।

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