2019 लोकसभा चुनाव में जो बड़े बिन्दु होंगे, फैक्टर होंगे उनमें प्रियंका गांधी वाड्रा एक बड़ा फैक्टर होगी। लोकसभा चुनाव
के ऐलान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गढ़ में कांग्रेस
ने अपना तुरुप का पत्ता चल दिया है। पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा ने मोदी के गढ़
गुजरात के गांधी नगर में विशाल रैली में धमाकेदार एंट्री की। रायबरेली और अमेठी से
बाहर पहली बार प्रियंका ने अहमदाबाद में भाषण दिया। वैसे यह पहली बार था जब मोदी के
गढ़ में तीन गांधी मौजूद थे। प्रियंका, सोनिया और राहुल गांधी।
नीले रंग के बॉर्डर वाली सफेद साड़ी में प्रियंका के अंदाज-ए-बयां में कांग्रेस कार्यकर्ता उनकी दादी इंदिरा गांधी की झलक देख रहे थे। गले
में पार्टी का आई-कार्ड लटकाए प्रियंका आत्मविश्वास से लबरेज
नजर आईं। प्रियंका ने तकरीबन साढ़े सात मिनट मंच से संबोधित किया। प्रियंका ने यह साफ
कर दिया कि वह केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहेंगी। पुलवामा हमले के बाद बने माहौल
पर निशाना साधते हुए प्रियंका बोलींöजागरुकता सबसे
बड़ी देशभक्ति है। देश में नफरत बढ़ रही है, लेकिन
देश की फितरत जर्रे-जर्रे से सच्चाई खोज रही है। प्रधानमंत्री
मोदी नाकामियों को छिपाने के लिए राष्ट्रवाद की आड़ ले रहे हैं। प्रियंका ने कहा कि
लोकसभा चुनाव को एक और स्वतंत्रता संग्राम के रूप में लेना होगा। उन्होंने कहा कि वह
फिजूल के मुद्दों में फंसाने की बजाय उन वास्तविक मुद्दों को उठाएं जिनसे उन्हें मुश्किलों
का सामना करना पड़ रहा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि आपका सबसे बड़ा हथियार देश की
स्थितियों का सामना कर रहा है, उनके बारे में जागरूक होना है।
आपका वोट आपका हथियार है। विचार और विवेक से इसका उपयोग करें। कांग्रेस महासचिव ने
कहा कि खोखले वादे परखने का वक्त है। उन्होंने पीएम मोदी और भाजपा पर तंज कसते हुए
कहा कि दो करोड़ नौकरियां कहां हैं? आपके खाते में 15
लाख रुपए कहां हैं? महिला सुरक्षा कहां है?
इस बारे में सोचिए, यह सवाल पूछिए। प्रियंका गांधी
ने कहा कि असली भारत हर जगह नफरत फैलाने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत का वास्तविक
स्वरूप सभी के प्रति प्रेम और करुणा है, नफरत नहीं। यह इस देश
की फितरत है जिसे नष्ट किया जा रहा है। इसका सभी को मिलकर मुकाबला करना है। प्रियंका
गांधी की एंट्री का 2019 चुनाव में कितना असर पड़ेगा यह तो समय
ही बताएगा पर इतना जरूर है कि प्रियंका के आने से कांग्रेस में नई जान पड़ गई है। प्रियंका
ने मोदी और भाजपा का राष्ट्रवाद को हावी करने के प्रयास की भी काट करने की कोशिश की
है। वह बेरोजगारी, किसानों, महिला सुरक्षा,
राफेल, नोटबंदी, जीएसटी,
अल्पसंख्यकों में असुरक्षा समेत वही सब मुद्दे उठाएंगी जिनसे देश की
करोड़ों जनता प्रभावित है। सर्जिकल स्ट्राइक व राष्ट्रवाद को इस चुनाव में हावी होने
से कांग्रेस इसे पीछे धकेलने की कोशिश करेगी और जनता को प्रभावित करने वाले मुद्दों
को आगे लाएगी। प्रियंका गांधी को बेशक सत्तारूढ़ दल हवा में उड़ाने का प्रयास करे पर
कटु सत्य यह है कि उनकी एंट्री से चुनाव प्रचार में बहुत फर्क पड़ेगा। (क्रमश)
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