Sunday, 31 March 2019

सराब और शराब का यूपी की सेहत पर कितना असर पड़ेगा?

उत्तर प्रदेश के मेरठ में बृहस्पतिवार को पीएम ने अपने प्रचार अभियान का आगाज करते हुए विपक्ष पर तीखे हमले बोले। सपा-रालोद-बसपा गठबंधन को (स+रा+ब) सराब बताया। कहाöजैसे शराब सेहत के लिए खतरनाक होती है, यह गठबंधन देश को वैसे ही बर्बाद कर देगा, इससे बचें। मोदी ने कहा, मैं चौकीदार हूं और चौकीदार कभी नाइंसाफी नहीं करता। इसलिए बारी-बारी सबका हिसाब होगा। मोदी ने मेरठ स्थित वेदांत कुंज मैदान में विजय संकल्प रैली में कहा कि आज एक तरफ नए भारत के संस्कार हैं तो दूसरी तरफ वंशवाद व भ्रष्टाचार है। एक तरफ दमदार चौकीदार तो दूसरी तरफ दागदारों की भरमार। वह हिसाब मांगते हैं। मैं पांच साल का हिसाब दूंगा पर उनसे भी लूंगा। बराबर तभी होगा, जब लिया भी जाए। प्रधानमंत्री द्वारा गठबंधन को शराब बताने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यादव ने कहा कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं। वहीं दूसरी ओर मायावती ने कहा कि व्यक्तिगत, जातिगत तथा सांप्रदायिक द्वेष और घृणा की राजनीति करना भाजपा एंड कंपनी की शोभा है जिसके लिए उसकी सरकार लगातार सत्ता का दुरुपयोग करती रही है। यादव ने प्रधानमंत्री के भाषण के बाद ट्वीट कर कहाöआज टेली-प्रारंपटर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वह लोग नहीं जानते जो नफरत के नशे को बढ़ावा देते हैं। सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं यानि धुंधला सपना जो पांच साल से भाजपा दिखा रही है। जो पूरा नहीं होता। अब चुनाव में नए सराब दिखा रही है। मायावती ने ट्विटर पर कहाöपीएम श्री मोदी ने आज मेरठ से लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं अपना हिसाब दूंगा लेकिन विदेश से काला धन वापस लाकर गरीबों को 15 से 20 लाख रुपए देने और किसानों की आय दोगुनी करने आदि जनहित के मुद्दों का हिसाब-किताब दिए बिना ही वह मैदान छोड़ गए। क्या चौकीदार ईमानदार है? प्रधानमंत्री द्वारा तीन दलों की तुलना सराब यानि शराब से करने पर हमें लगता है कि चुनाव प्रचार नमकीन नहीं होगा, बल्कि ज्यादा कड़वा होने की संभावना है। विपक्षी दल तो इस बयान के बाद पलटवार तो कर ही रहे हैं पर आंकलन यह है कि पीएम के इस बयान का संदेश शराब का सेवन करने वालों के बीच भी सही नहीं गया है। भाजपा को उलटा नुकसान भी हो सकता है। पीएम ने कहा कि सपा का-, अजीत सिंह की आरएलडी का-रा और बसपा का-ब मिलकर सराब बनाते हैं। शराब यानि सराब सेहत के लिए हानिकारक होती है। आरएलडी अपनी बड़ी समर्थक जाट बैल्ट में, बसपा और सपा अपने समर्थकों के बीच इस बयान को सम्मानपर चोट के रूप में प्रचारित करने में लगे हैं। इसके अलावा शराब पीने वालों की संख्या अब शहरों में ही नहीं, गांवों में भी खासी है। उस वर्ग में भी इस बयान का सही मैसेज नहीं जाएगा। वह इसे अपने मजाक के रूप में ले सकते हैं। लेकिन भाजपा का कहना है कि मोदी ने नुकसान बताने के लिए यह तुलना की है। जहां तक नुकसान की बात है तो महिलाओं में तो इसका सही संदेश जाएगा। रही बात वोटों की तो मोदी का दूसरा नाम है रिस्क लेना।

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