Wednesday, 6 March 2019

आपरेशन बालाकोट ः वायुसेना लाशें नहीं गिनती

सर्जिकल स्ट्राइक-2 बालाकोट को लेकर जबरदस्त विवाद छिड़ गया है। यह सर्जिकल स्ट्राइक कितनी सफल रही इस पर सत्तारूढ़ पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। कुछ विपक्षी नेता इस बात का सबूत मांग रहे हैं कि बालाकोट हमले में 250-300 आतंकी मारे गए? सबसे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 28 फरवरी को सवाल पूछा कि एयर स्ट्राइक में कितने आतंकी मारे गए? इसका कोई  प्रमाण है तो सामने आना चाहिए। इसके दो दिन बाद सपा के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर ने कहा कि एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान में छिपे एक भी आतंकवादी की लाश नहीं मिली। मोदी को हमले के सबूत देने चाहिए। एयर स्ट्राइक पर ही कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने एक बयान में कहा ः सरकार को अमेरिका द्वारा ओसामा बिन लादेन के खिलाफ किए ऑपरेशन की तरह एयर स्ट्राइक के सबूत देने चाहिए। उधर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस देश के एक नागरिक के नाते हमें बालाकोट आपरेशन की विश्वसनीयता पर सवाल करने का अधिकार है। इस पूरे प्रकरण पर मेरा मानना है कि इसे दो दृष्टियों से देखा जाना चाहिए। पहला है राष्ट्रीय हित के दृष्टिकोण से और फिर सियासी दृष्टिकोण से। राष्ट्रीय हित तो इसमें है कि हम अपनी एयर फोर्स और सरकार पर भरोसा करें। अगर एयर फोर्स दावा करती है कि हमने बालाकोट पर हमला किया तो हमें यह मानना पड़ेगा कि यकीनन बालाकोट पर हमला हुआ है। एयर फोर्स या सरकार ने कभी भी यह दावा नहीं किया कि इस हमले में 300 से 350 आतंकी मारे गए। कितने मारे गए यह इन सियासी दलों ने उठाया है। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने सोमवार को बालाकोट हवाई हमले में मारे जाने वालों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि वायुसेना मरने वालों की गिनती नहीं करती। वायुसेना केवल यह देखती है कि निशाना लगा या नहीं? हम मरने वालों की गिनती नहीं करते। हम बस इतना गिनते हैं कि कितने ठिकानों पर निशाने लगे और कितनों पर नहीं। बालाकोट हमले में मरने वालों की संख्या के बारे में जानकारी सरकार देगी। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की संख्या के संबंध में बयान सरकार जारी करेगी। उनके अनुसार भारतीय वायुसेना ने बालाकोट के जंगल में बम गिराए तो पाकिस्तान को इसका जवाब देने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि विदेश सचिव ने अपने बयान में निशाने की स्पष्ट व्याख्या की है और अगर हमारी योजना लक्ष्य को निशाना बनाने की थी तो हमने उसे निशाना बनाया। अन्यथा पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई क्यों करता। जब हमारे वायुसेना प्रमुख दावा कर रहे हैं कि बालाकोट हमले में हमारे विमानों का सही जगह निशाना लगा तो इसमें कोई संदेह की गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए। बालाकोट में एयर फोर्स ने जो हमला किया उसकी सटीक जानकारी हमारी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने एयर फोर्स को दी। इंटेलीजेंस के अनुसार बालाकोट में भारी संख्या में आतंकी उस समय मौजूद थे जब हमारे जांबाज मिराज पायलटों ने इस सफल अभियान को अंजाम fिदया। जो बम इस्तेमाल किए गए वह भी विशेष प्रकार के गाइडिड बम थे जो अपनी एक्यूरेसी के लिए मशहूर हैं। वह सीधे अपने टारगेट पर लगते हैं, ज्यादा से ज्यादा दो-तीन मीटर इधर-उधर हो सकते हैं, तो इस हमले में कितने मरे इस प्रश्न पर आते हैं। पूरे प्रकरण को दूसरी दृष्टिकोण से जो सियासी है उसमें यह प्रश्न जरूर पूछा जा सकता है। पर जब दावा न तो भारत सरकार ने किया कि इतने मरे न ही भारतीय वायुसेना ने कहा कि इतने मरे तो इसे उठाया किसने? इसे उठाया है बीजेपी अध्यक्ष और उनके नेता ने। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में कहा कि पुलवामा हमले के बाद जवानों की  शहादत का बदला लिया गया और इस एयर स्ट्राइक में करीब 250 से ज्यादा आतंकी मारे गए। जवानों की शहादत को सियासी लाभ उठाने की नीयत से विपक्ष का भड़कना स्वाभाविक ही था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया और पूछा कि क्या अमित शाह के मुताबिक सेना झूठ बोल रही है? सेना ने साफ-साफ कहा कि लाशों की गिनती करना हमारा काम नहीं है। सेना ने यह भी साफ-साफ कहा है कि कोई मरा या नहीं, मरा या कितने मरे, ये नहीं कहा जा सकता। अपने चुनावी फायदे के लिए क्या अमित शाह और भाजपा जवानों की शहादत पर राजनीति नहीं कर रही? वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी सुबह प्रधानमंत्री पर ट्वीट बम फेंका। उन्होंने पूछा कि मोदी जी क्या अंतर्राष्ट्रीय मीडिया, न्यूयार्क  टाइम्स, लंदन स्थित जेन के सुमना समूह, वाशिंगटन पोस्ट, डेली टेलीग्राफ, द गार्जियन, रायटर्स ने बालाकोट समर्थक पाकिस्तान में आतंकवादी नुकसान का कोई सबूत नहीं बताया है? उन्होंने इस हमले को लेकर पीएम पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा है कि आप (नरेन्द्र मोदी) आतंक का राजनीतिकरण करने के लिए दोषी हैं? मनीष तिवारी के अनुसार एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर ने कहा कि यह कहना समय से पहले होगा कि आतंकी शिविरें में हुए हमले में हताहतों की मौतों की संख्या क्या है? लेकिन अमित शाह कह रहे हैं कि इस हवाई हमलों में 250 से अधिक आतंकवादी मरे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया, 300 आतंकवादी मारे गए या नहीं आखिर इसका मकसद क्या था? क्यों आप आतंकवाद को जड़ से उखाड़ना चाहते हैं या फिर एक चुनावी हथकंडा था? सेना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं कि बीजेपी नेता इस सर्जिकल स्ट्राइक-बालाकोट को आगामी चुनाव में भुनाने का पूरा प्रयास करेगी पर इसका यह मतलब भी नहीं कि हम इस सियासी दंगल में भारतीय वायुसेना या अपने सुरक्षा बलों को इस विवाद में घसीटें। कृपया करके इन्हें अपने राजनीतिक फायदे-नुकसान के लिए विवाद में न घसीटें। जय हिंद, जय भारतीय वायुसेना।

-अनिल नरेन्द्र

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