आतंकियों को सुरक्षित पनाह देने वाला पाकिस्तान
आज न केवल भारत के लिए ही बल्कि ईरान, अफगानिस्तान
और अमेरिका सहित कई देशों के लिए खतरा बन चुका है। भारत समेत यह तमाम देश पाकिस्तान
को उसकी जमीन पर मौजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए बार-बार आगाह करते रहे हैं। लेकिन उस पर इसका रत्तीभर भी असर नहीं हुआ।
13 फरवरी को ईरान के रिव्यूलुशनरी गार्ड पर और 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आत्मघाती हमलों से एक बार
फिर जाहिर होता है कि पाकिस्तान सारी चेतावनियों के बावजूद अब भी आतंकियों का अड्डा
बना हुआ है। ऐसे में भारत द्वारा बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के ठिकानों पर कार्रवाई करने के बाद अब ईरान भी पाकिस्तान में पल रहे
आतंकियों से निपटने को तैयार है। ईरान के आईआरजीसी ब्रदर्स फोर्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी ने पाकिस्तान
सरकार और उनके सैन्य प्रतिष्ठान को सख्त शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा,
मेरे पास पाकिस्तान सरकार के लिए यह सवाल है कि वह कहां जा रही है?
उसने अपने तमाम पड़ोसी देशों की सीमाओं पर अशांति पैदा कर रखी है। कोई
पड़ोसी नहीं बचा है जिसके लिए पाकिस्तान असुरक्षा को बढ़ावा नहीं देना चाहता। ईरानी
संसद के विदेश नीति आयोग के अध्यक्ष हशमतुल्लाह फलाहतपिशेह ने कहा कि ईरान पाकिस्तान
से लगती अपनी सीमा पर दीवार बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तन अगर अपनी जमीन
पर आतंकी समूहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं करेगा तब ईरान पाकिस्तान में आतंकी
समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने पर मजबूर होगा। गौरतलब है कि आतंकवाद से सख्ती से निपटने
के मुद्दे पर भारत और ईरान एक-दूसरे से सहमत हैं और साथ खड़े
नजर आ रहे हैं। दरअसल दोनों देश सीमा पार आतंकवाद का सामना कर रहे हैं और हाल के वर्षों
में उनके बीच सहयोग में भी बढ़ोतरी हुई है। अफगानिस्तान में बीते साल में हुए आतंकी
हमलों के लिए पाक रक्षा प्रतिष्ठान पर उंगली उठती रही है। पाकिस्तान आतंक के जरिए काबुल
की राजनीति को प्रभावित करने की जुगत में रहता है। अफगानिस्तान में भारत की अहम भूमिका
को देखते हुए पाक यहां अशांति फैलाना चाहता है। याद रहे कि 9/11 का साजिशकर्ता अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन पाक के एबटाबाद में ही छिपा था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में धोखा
देता रहा है। इसी कारण ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली दो अरब डालर की सहायता पर
रोक लगा दी। 9/11 के हमले में पाकिस्तानी व आईएसआई शामिल थी यह
अब किसी से छिपा नहीं। दुनिया में कहीं भी कोई भी आतंकवादी घटना होती है तो पाया जाता
है कि इसमें कहीं न कहीं पाकिस्तान से कनेक्शन जुड़ते हैं। आज पाकिस्तान 45
से 48 आतंकी संगठनों की शरणस्थली बना हुआ है,
तो हर उस देश को अपनी रीति-नीति में सुधार करना
चाहिए, जिसने कभी न कभी पाक की पीठ थपथपाई है। ईरान जैसा सशक्त
पड़ोसी देश कायदे से पाकिस्तान की पीठ से हाथ हटा ले तो भी बात है। आज पाकिस्तान भारत
के लिए ही नहीं तमाम दुनिया के लिए खतरा बना
हुआ है।
- अनिल नरेन्द्र
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