Friday, 23 August 2019

30 साल में 490 अरब डॉलर का काला धन बाहर गया है

वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति द्वारा काले धन को लेकर जो रिपोर्ट दी गई है, वह बेहद चिंतनीय है। यह और भी चौंकाने वाली बात है कि भाजपा जो दो बार काले धन के मुद्दे को लेकर देश की सत्ता में आई, आज वह कह रही है कि विदेशों में जो अनुमानित नौ लाख 41 हजार करोड़ रुपए गरीबों, किसानों और मजदूरों के हक का पैसा काले धन के रूप में चन्द नेताओं, उद्योगपतियों और अधिकारियों ने लूटकर रखा है, उसे वापस नहीं लाया जा सकता, यह कहना था आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह का। सांसद संजय सिंह ने बयान जारी कर कहा कि मेरा मानना है कि अगर विदेशों में जमा काला धन वापस आ जाए तो देश में बेरोजगारी कम की जा सकती है, किसानों के कर्ज माफ किए जा सकते हैं, किसानों को उनकी फसल का डेढ़ गुना दाम दिया जा सकता है, नए स्कूलों, कॉलेजों व अस्पतालों का निर्माण किया जा सकता है। राष्ट्र निर्माण में यह पैसा अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोग जो देश का हजारों करोड़ रुपए लूटकर विदेशों मे बैठे हैं, सरकार को उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और करनी पड़ेगी। वित्त पर स्थायी समिति ने तीन प्रतिष्ठित आर्थिक और वित्तीय शोध संस्थानों की रिपोर्ट के हवाले से जानकारी दी है कि भारतीयों द्वारा 1980 से लेकर 2010 तक की अवधि में 216.48 अरब डॉलर से 490 अरब डॉलर का काला धन देश के बाहर भेजा गया। काले धन पर राजनीतिक विवाद के बीच मार्च 2010 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने तीन संस्थाओं को देश के बाहर भारतीयों के काले धन का अध्ययन करने की जिम्मेदारी दी थी। इन तीन संस्थानों में राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी) राष्ट्रीय व्यवहारिक आर्थिक शोध परिषद (एनसीएईआर) और राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंध संस्थान (एनआईएफएम) शामिल हैं। कांग्रेस के वीरप्पा मोइली वाली इस स्थायी समिति ने 16वीं लोकसभा भंग होने से पहले गत 28 मार्च को ही लोकसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। 7000 करोड़ रुपए जमा हैं स्विस बैंकों में भारतीयों के 2018 के मुताबिक। 100 लाख करोड़ रुपए जमा हैं सभी विदेशी ग्राहकों का पैसा स्विस बैंकों में। काला धन बाहर भेजने वाले शीर्ष पांच देशों में भारत चौथे नम्बर पर है। पहला चीन है, दूसरा रूस, तीसरा मैक्सिको, चौथा भारत और पांचवा मलेशिया। लगभग एक अरब डॉलर का काला धन विकासशील देशों से हर साल बाहर जाता है। खबर यह भी आई है कि स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों के जमा धन में कमी आई है। स्विस नेशनल बैंक की ओर से जारी डेटा के मुताबिक 2018 में छह प्रतिशत की गिरावट के साथ स्विस बैंकों में भारतीयों के 6,757 करोड़ रुपए थे। दो दशक में यह दूसरा सबसे निचला स्तर है। कुछ रिपोर्टों में यह गिरावट 11 प्रतिशत बताई गई है।

-अनिल नरेन्द्र

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