दो
हफ्ते से ज्यादा समय से ब्राजील स्थित दुनिया के सबसे बड़े रेन फॉरेस्ट अमेजन जंगल
धू-धू कर जल रहे हैं। ब्राजील के
इस जंगल में लगी आग बढ़ती ही जा रही है। आग हर मिनट 3 फुटबॉल
मैदान जितने इलाके को कवर कर रही है। ब्राजील सहित कुल 9 देशों
तक फैले इन जघन्य जंगलों को दुनिया का फेफड़ा कहा जाता है। दुनियाभर में इसे लेकर चिन्ता
क्यों है और इस आग में हमारा क्या-क्या जलकर खाक हो रहा है,
आइए इस पर नजर डालते हैं। कहा जाता है कि जंगल है तो जल है। जंगल से
पृथ्वी की आमद पर सबसे अच्छा असर पड़ता है। दुनिया के 10 प्रतिशत
रेन फॉरेस्ट अमेजन के भूभाग पर है। ये जंगल जल गए तो धरती बारिश के लिए तरस जाएगी।
इंसानी सांस चलाने वाली ऑक्सीजन में अमेजन के जंगलों की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत बताई जाती है। ये जंगल जले तो धरती पर कार्बन डाइआक्साइड बड़ी मात्रा
में घर कर लेंगे। अमेजन की आग से केवल इस साल 228 मेगाटन कार्बन
डाइआक्साइड वायुमंडल में तैर रहा है। पर्यावरण की शुद्धता पर यह सबसे बेरहम मार है।
दहकते सूरज के सामने जंगल इंसान के माथे की छतरी हैं। वे सूरज की तेज किरणों को थामते
हैं। अमेजन के जंगल जिस रफ्तार से जल रहे हैं उससे आग के दरम्यान और आग के बाद धरती
पर गर्मी बेहिसाब बढ़ जाने की आशंका है। जलवायु परिवर्तन पर इसका बेहद बुरा असर पड़ेगा।
बता दें कि अमेजन के जंगल की बहुत अहमियत है। दुनिया की एक-तिहाई
जीव-जन्तुओं का एक घर है अमेजन के जंगल। यह धरती पर अद्भुत जैव
संतुलन कायम रखते हैं। अमेजन जंगल में 16 हजार से ज्यादा पेड़-पौधों की प्रजातियां हैं। 55 लाख वर्ग किलोमीटर फैले
अमेजन के क्षेत्रफल में 39 हजार करोड़ पेड़ आबाद हैं।
5 हजार ज्यादा नायाब चीजें इन जंगलों की मदद से बनती हैं। इनमें लकड़ियां,
ईंधन, भोजन के अलावा दवाइयों की अचूक जड़ी-बूटियां सबसे अहम हैं। 400 से ज्यादा यानि धरती पर आबाद
कुल 50 प्रतिशत आदिवासी प्रजातियों का घर है अमेजन जंगल। उन्होंने
बाहर की दुनिया की चमक-दमक को अस्वीकार कर रखा है। इनके जंगलों
के जलने या कटने से ये अचानक बेघर हो जाएंगे। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो
ने कहा है कि सेना लगाकर आग पर काबू पाएंगे। ब्राजील सहित दूसरे दक्षिण अमेरिकी देशों
के राष्ट्र प्रमुख इसके लिए दुनिया से बढ़ते दबाव पर टिप्पणी कर रहे थे। यूएन,
फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी
समेत तमाम देशों ने आग से रेन फॉरेस्ट पर मंडरा रहे संकट पर चिन्ता जताई है। साथ ही
आग बुझाने के लिए अमेरिकी देशों को आगे आने की अपील की है। पर्यावरणविदों और सेलिब्रिटी
भी अमेजन को बचाने की अपील कर रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस
आग को ग्लोबल संकट बताया है। कहाöयह जी-7 समिट का प्रमुख एजेंडा होगा।
-अनिल नरेन्द्र
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