Thursday 22 August 2019

तीन साल और बने रहेंगे जनरल बाजवा सेना चीफ

पाकिस्तान के वर्तमान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा नवम्बर में इसी साल रिटायर होने वाले थे लेकिन सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के ऑफिस ने घोषणा की कि जनरल बाजवा और तीन साल सेना प्रमुख बने रहेंगे। इससे पहले 2010 में तत्कालीन जनरल अशफाक परवेज कियानी को विस्तार दिया गया था। 58 वर्षीय बाजवा को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नवम्बर 2016 को सेना का प्रमुख नियुक्त किया था। शरीफ ने तब तीन अन्य जनरलों को दरकिनार करते हुए बाजवा को सेना प्रमुख बनाया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस फैसले पर कहा कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया और भारत के साथ कश्मीर पर बढ़े तनाव को लेकर यह जरूरी फैसला है। उन्होंने इस फैसले को पाकिस्तान की सुरक्षा से भी जोड़ा है। पाकिस्तान के पास दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना है जिसका देश के परमाणु हथियारों पर भी नियंत्रण है। पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान बनने के बाद से कई तख्ता पलट किए हैं और अब तक करीब आधे समय तक देश पर उनका ही राज रहा है। इमरान खान को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाने में जनरल बाजवा की उल्लेखनीय भूमिका थी। यह कहा जाए कि इमरान का जो फेवर बाजवा ने किया था उसे इमरान ने रिटर्न कर दिया है। कई दिनों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि प्रधानमंत्री जनरल बाजवा को दूसरा कार्यकाल दे सकते हैं क्योंकि दोनों मिलकर काम करते हैं। पीएम इमरान खान की हाल ही में अमेरिकी यात्रा पर बाजवा भी गए थे। पाक सेना प्रमुख की नियुक्ति पीएम व उनकी सरकार को प्राथमिकता है। सबसे वरिष्ठ अधिकारी को सेना प्रमुख बनाए जाने की परंपरा का पालन नहीं किया जाता। पीएम व सरकार द्वारा नियुक्ति को राष्ट्रपति मंजूरी देते हैं। 2016 में सेना प्रमुख बनने के बाद पाकिस्तान में सैनिक शासन की आशंकाएं बनी थीं पर उनको खारिज करने वाले जनरल बाजवा भी अपने पूर्ववर्तियों जैसे ही हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि निर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान उनके हाथों की कठपुतली माने जाते हैं। सेना प्रमुख के कार्यकाल को बढ़ाया जाना गैर-मुनासिब बताते हुए विपक्षी पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के वरिष्ठ सदस्य फरहतुल्लाह बाबर ने ट्वीट किया कि मजबूत संस्थाएं किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर नहीं करतीं चाहे वह व्यक्ति कितना भी मजबूत, सक्षम और प्रतिभावान ही क्यों न हो। वैसे मजेदार बात है कि सत्ता में आने से पहले इमरान खान सेना प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा था कि किसी भी सेना प्रमुख का कार्यकाल बढ़ाना सेना के नियमों को बदलने का काम है जो एक संस्था के रूप में सेना को कमजोर करता है। इमरान का यह बयान 2010 में पीपीपी के सेना प्रमुख अशफाक परवेज कियानी के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के बाद आया था पर आज जो पाकिस्तान की अंदरूनी हालत है उस पर हम इमरान खान की इस नियुक्ति को समझ सकते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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