Tuesday 27 August 2024

. . .और इस बार पेपर लीक नहीं हुआ


उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही की नौकरी के लिए 23 अगस्त से परीक्षा शुरू हो गई है। पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए होने वाली ये परीक्षा 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त तक चलेगी। माना जा रहा है कि यूपी पुलिस में 60 हजार 244 पदों के लिए हो रही इस परीक्षा के लिए 6 लाख से ज्यादा अभ्यार्थियों ने दी है परीक्षा। परीक्षा के लिए 67 जिलों में 1,174 सेंटर बनाए गए हैं। ये परीक्षा इसी साल फरवरी में हुई थी लेकिन प्रश्न पत्र लीक होने के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। यूपी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी न हो। इसके लिए छोटे-छोटे पहलुओं पर ध्यान दिया गया है। परीक्षा केंद्र ही नहीं रास्तों की भी निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा यूपी पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर प्रदेश की अलग-अलग जगहों की पुलिस ने इंतजाम को लेकर जानकारी दी और तैयारियों के बारे में बताया। वहीं, यूपी सरकार ने चेतावनी दी है कि पेपर लीक कराने की कोशिश करते हुए पाए जाने पर उस व्यक्ति पर उस नए कानून के तहत कार्रवाई होगी, जिसमें एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। पेपर लीक रोकने के लिए योगी सरकार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 लेकर आई थी। इसके तहत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग, नकल करना या नकल कराना और प्रश्न पत्र लीक करना इस अपराध की श्रेणी में आते हैं। पेपर लीक रोकने के लिए सरकार ने कई बदलाव भी किए हैं। परीक्षा में शामिल होने वालों के लिए फ्री में बस सेवा सुविधा दी गई है। हालांकि इसके लिए परीक्षार्थी को अपना एडमिट कार्ड दिखाना होगा। परीक्षा सेंटर में सीसीटीवी की निगरानी और पुलिस की तैनाती के अलावा पेपर लीक से बचने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। परीक्षा केंद्र में परीक्षार्थी का केवाईसी वेरिफिकेशन कराया जाएगा। परीक्षार्थी का बायोमेट्रिक लिया जाएगा और आधार कार्ड के जरिए पहचान की पुष्टि की जाएगी। इसके अलावा एसटीएफ को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। परीक्षा केंद्र में निगरानी की जिम्मेदारी सेक्टर मजिस्ट्रेट को दी गई है। सेक्टर मजिस्ट्रेट की ही निगरानी में ट्रेजरी आफिस से सेंटर तक पुलिस की सुरक्षा में प्रश्न पत्र लाए जाएंगे। दरअसल यूपी में इस साल फरवरी में हुई पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक होने के आरोपों के बाद राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस परीक्षा को रद्द करते हुए छह महीने के अंदर परीक्षा कराए जाने की बात कही थी। पेपर लीक की घटना को लेकर अखिलेश यादव और मायावती ने भी सरकार की जमकर आलोचना की थी। अभी तक तो पेपर लीक होने की कोई सूचना नहीं आई। अगर लीक पर काबू पाया जा सकता है तो देश के अन्य राज्यों को भी यूपी सरकार से सबक लेना चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

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