Tuesday 13 August 2024
विनेश...भारत का गोल्ड तुम ही हो
पेरिस ओलंपिक 2024 के पहले गोल्ड मेडल के लिए देश की 140 करोड़ लोगों की उम्मीदें 100 ग्राम वजन तले दबकर कुचल गई। भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने फाइनल मैच के लिए 50 किलो कैटेगरी में बुधवार सुबह वजन कराया तो 100 ग्राम ज्यादा निकला। ओलंपिक के कड़े नियमों के चलते वे फाइनल में खेलने के लिए डिस्क्वालिफाई करार दी गईं और इस खबर से जहां 140 करोड़ देशवासियों का दिल टूट गया वहीं पूरे देश में कोहराम मच गया। टोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाली विनेश फोगाट की वापसी की कहानी दिल टूटने के साथ तब समाप्त हुई जब उनका वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। विनेश फोगाट को इसका अंदाजा पहले से ही था। वो इस साल ही अप्रैल में कह चुकी थीं कि 50 किलोग्राम वर्ग को देखते हुए अगले चार महीनों में वजन प्रबंधन करना चुनौती होगा। उन्होंने अप्रैल 2024 में कहा था ः मुझे अपने वजन को बेहतर तरीके से प्रबोधत करना होगा। मैंने लम्बे समय के बाद अपने वजन को कम कर 50 किलो तक किया है। इस दौरान विनेश फोगाट ने ये भी कहा था कि उन्होंने वजन में बदलाव इसलिए किया। क्योंकि मेरे पास और कोई विकल्प छोड़ा ही नहीं गया। मैं खुश हूं कि ओलंपिक खेलने का मौका मिल रहा है। विनेश चाहती थीं 53 किलो वर्ग में खेलें पर भारतीय कुश्ती संघ अधिकारियों ने कहा कि या तो तुम 50 किलो वर्ग में लड़ो या फिर ओलंपिक में भाग न लो। मजबूरन विनेश को 53 किलो वर्ग को छोड़ना और वह क्या लड़ीं। लगातार तीन मुकाबले जीत कर वह फाइनल में पहुंची। इस दौरान उन्होंने वर्ल्ड चैंपियन, ओलंपिक चैंपियन को हराया। यहां कई सवाल उठते हैं ः इसमें तो कोई संदेह नहीं कि विनेश तीन बार जीतीं। अगर वह फाइनल राउंड में कुश्ती न लड़तीं, कह देतीं कि मैं बीमार हूं, कुश्ती लड़ने में सक्षम नहीं हूं तो उन्हें आटोमैटिक सिल्वर मैडल मिल जाता। इस हिसाब से तो सपोर्ट स्टाफ ने गलती की, उन्हें फाइनल में उतारना ही नहीं चाहिए था जबकि उन्हें मामलू था कि वह ओवर हैं। यह जो सपोर्ट स्टॉफ बाराती बन कर गया था यह क्या पेरिस में पिकनिक करने गया था? विनेश फोगाट के केस ने न तो साथ गए अधिकारियों से ठीक से हैंडल किया और न ही श्रीमती नीता अंबानी जो आईओसी की सदस्य थीं। अगर वो चाहतीं तो जोर लगा सकती थीं। खैर, अब उम्मीद है कि जो आडिहेटर ट्राइब्यूनल है वह विनेश के हक में अपना फैसला दें और उन्हें ज्वाइंट सिल्वर मैडल अब भी मिल जाए। विनेश इन हादसे के बाद इतनी भावुक हो गई कि उन्होंने अपनी मां को संबोधित करते हुए संदेश भेजा कि मैं कुश्ती को अलविदा कहती हूं। मां, कुश्ती मेरे से जीत गई। मैं हार गई। माफ करना, आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुकी है। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं आप की हमेशा ऋणी रहूंगी। मुझे माफ कर दीजिए। उधर टोक्यो ओलंपिक के ब्रांज मैडलिस्ट रेसलर नवरंग पुनिया ने कहा कि विनेश हारी नहीं। आपको हराया गया है। हमारे लिए आप हमेशा विजेता ही रहेंगी। आप भारत की बेटी के साथ-साथ भारत का अभिमान भी हैं। वहीं साक्षी मलिक ने कहा कि विनेश के साथ जो कुछ हुआ, वह हमारे देश की हर बेटी की हार है। विनेश तुम हारने वाली नहीं हो। यह सिर्फ तुम्हारी हार नहीं बल्कि पूरे देश की हार है।
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