Saturday, 3 August 2024

538 सीटों पर कुल वोटों और गिनी संख्या में अंतर


इस साल यानि 2024 के लोकसभा चुनाव में 538 सीटों पड़े कुल वोटों और उनकी गिनती में वोटों की संख्या में अंतर दिखा है। यह दावा है एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (डीआर) का। एडीआर के मुताबिक 362 सीटों पर कुल वोट और गिने गए वोटों में 5,54,598 का अंतर है। यानि इन सीटों पर इतने वोट कम गिने गए हैं। वहीं 176 सीटों पर कुल पड़े वोटों से 35,093 वोट ज्यादा गिने गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अमरेली, अत्तिंगल, गट्टिगल, लक्षद्वीप, दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव को छोड़कर 538 सीटों पर डाले गए कुल वोटों और गिने गए वोटों में विसंगति है। इन 538 सीटों पर यह अतंर 5,89,691 वोट का है। सूरत सीट पर मतदान नहीं हुआ था। एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने कहा कि चुनाव में वोटिंग प्रतिशत देर से जारी करने और निर्वाचन क्षेत्र वार तथा मतदान केन्द्र वार आंकड़े उपलब्ध न होने को लेकर सवाल हैं। सवाल ये भी हैं ]िक नतीजे अंतिम मिलान आंकड़ों के आधार पर घोषित किए गए थे या नहीं? चुनाव आयोग की ओर से इन सवालों के जवाब मिलने चाहिए। अगर जवाब नहीं आए चुनाव नतीजों को लेकर चिंता और संदेह पैदा होगा। हालांकि एडीआर ने यह स्पष्ट किया कि मतों में इस अंतर की वजह से कितनी सीट पर अलग परिणाम सामने आए। जगदीप छोकर ने कहा कि अगर जवाब नहीं आए चुनाव नतीजों को लेकर चिंता और संदेह पैदा होगा। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयोग काउंटिंग के आखिरी और ऑथेंटिक डेटा अब तक जारी नहीं कर पाया। ईवीएम में डाले गए वोट और गिने गए वोट में अंतर पर जवाब नहीं दे पाया। मत प्रतिशत में वृद्धि कैसे हुई, इसके बारे में भी अभी तक नहीं बता पाया। कितने वोट पड़े, मतदान प्रतिशत जारी करने में इतनी देरी कैसे हुई, वेबसाइट से कुछ डेटा उन्होंने क्यों हटाया? इन सारे सवालों के जवाब चुनाव आयोग को देने चाहिए, जो अब तक नहीं जारी किए गए। चुनाव आयोग ने कहाö2024 चुनाव में 65.79 प्रतिशत मतदान चुनाव आयोग ने 7 जून को लोकसभा चुनाव 2024 में कुल वोटिंग का आंकड़ा जारी किया। इस बार कुल मिलाकर 65.79 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। ये 2019 चुनाव के मुकाबले 1.61 प्रतिशत कम है। पिछली बार कुल आंकड़ा 67.40 प्रतिशत था। असम में सबसे ज्यादा 81.56 फीसदी मतदान, जबकि बिहार में सबसे कम 56.19 फीसदी मतदान हुआ। इस चुनाव मे मेल वोटर्स ने 65.80 प्रतिशत और फीमेल वोटर्स ने 65.78 प्रतिशत मतदान किया। वहीं अन्य ने 23.08 प्रतिशत वोटिंग की। 2019 चुनाव में 61.5 करोड़ लोगों ने वोट डाले थे। इस बार मतदाताओं की संख्या बढ़कर 64.2 करोड़ हो गई। इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यह अपने आप में विश्व रिकार्ड है। यह सभी 6-7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और ईयू के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है। एडीआर ने कहा है कि निर्वाचन आयोग द्वारा अब तक वोटों की गिनती, ईवीएम में डाले गए वोटों में अंतर, मतदान में वृद्धि मतदान किए गए वोटों की संख्या का खुलासा न करना, डाले गए वोटों के आंकड़ों को जारी करने में अनुचित देरी और अपनी वेबसाइट से कुछ डेटा को साफ करने के अंतिम और प्राथमिक डेटा जारी करने से पहले चुनाव परिणाम घोषित करने में कोई उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहा है।

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