Thursday 15 August 2024

मध्य-पूर्व जंग के मुहाने पर


पिछले कुछ महीनों से मध्य-पूर्व एशिया में जंग के बादल छाए हुए हैं। एक तरफ इजरायल और अमेरिका है तो दूसरी तरफ ईरान, यमन, इराक, हिजबुल्लाह और कई अन्य अरब देश। अरब ताकतों ने कसम खा रखी है कि इजरायल को दुनिया के नक्शे से ही मिटा देंगे। याद रहे कि हाल ही में इजरायल पर आरोप है कि उसने कई तथाकथित आतंकी सरगनाओं को मौत के घाट उतारा है। इस्माइल हानिया को तो ईरान की राजधानी तेहरान में एक अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र में मार गिराया। इसी तरह हिजबुल्लाह के कमांडर हमास के बड़े नेता की भी हत्या की थी। ईरान इसी का बदला लेने की कसम खा चुका है और इजरायल पर पूरा हमले की तैयारी में है। इस दौरान ईरान ने अपने समर्थक गुटों, हिजबुल्लाह और हूतियें से इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए हैं। ईरान खुद भी किसी भी समय सीधा इजरायल के खिलाफ जंग में उतर सकता है। इजरायल पर संभावित बड़े हमले को देखते हुए अमेरिका भी इजरायल के हक में कूद चुका है। अमेरिका ने अपने जंगी हवाई जहाज, समुद्री पोत गल्फ खाड़ी में तैनात कर दिए हैं। हिजबुल्लाह लगातार इजरायल पर राकेटों, मिसाइलों से हमले कर रहा है जिससे इजरायल को काफी नुकसान पहुंचा है। इजरायल भी गाजा और लेबनान पर ताबड़तोड़ जवाबी कार्रवाई कर रहा है। इजरायल और हिजबुल्लाह के सदस्यों में और तनाव क्या रूप लेगा। इसका आंकलन करने के लिए सबसे पहले लेबनान में मौजूद इस सशस्त्र समूह सैन्य क्षमताओं को समझना होगा। इस संभावित युद्ध में एक और इजरायल की वायुसेना और इंटेलिजेंस की बढ़त है तो दूसरी ओर हिजबुल्लाह के पास मिसाइलों का अंबार और ड्रोन्स है। इसमें कोई शक नहीं कि इजरायल की वायुसेना की शक्ति हिजबुल्लाह की तुलना में अधिक है और इसके कारण लेबनान में बड़ी तबाही हो सकती है। लेकिन यह भी सच है कि गाजा में इजरायल अपने इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध लड़ रहा है और इसके कारण उसके सैनिक दस्ते थकान के शिकार हैं। हिजबुल्लाह को ईरान का पूर्ण समर्थन मिला हुआ है। पिछले वर्षों में सामने आने वाली कई इटेंलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार हिजबुल्लाह के पास हथियारों का सबसे बड़ा स्रोत ईरान है, अब यह भी खबर आई है कि रूस भी ईरान को घातक हथियार मुहैया करवा रहा है। ईरान यह हथियार इराक और सीfिरया के जरिए हिजबुल्लाह को पहुंचा रहा है। उन हथियारों में अल्मास 3 एंटी टैंक के मिसाइल भी शामिल हैं जो एक आधुनिक ईरानी हथियार है। हिजबुल्लाह ने हाल ही में इजरायल के खिलाफ कई घातक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। इसमें से एक मिसाइल का नाम हिजबुल्लाह ने अपने एक नेता के नाम पर रखा है जो 2015 में सीरिया में मारा गया था। हिजबुल्लाह के प्रमुख नसरूल्लाह कई बार कह चुके हैं कि उनके संगठन के पास ऐसी मिसाइल मौजूद है जिसमें इजरायल के केन्द्राrय क्षेत्र तक पहुंचने की क्षमता है। संगठन के पास शार्ट रेन बेलिएस्टिक मिसाइल भी मौजूद है जो 300 किलोमीटर तक मार कर सकती है, लेबनान और इजरायल के बीच दूरी कम है और इससे हिजबुल्लाह को फायदा है क्योंकि इससे इजरायली सेना को मिसाइल से हमले से निपटने के लिए समय भी कम मिलेगा। मिसाइलों के अलावा इस बार प्रस्तावित युद्ध में बड़ा बदलाव यह होगा कि हिजबुल्लाह के पास आधुनिक ड्रोन का जखीरा भी है, जिससे वह लगातार हमले कर रहा है। यह संघर्ष बढ़ने की पूरी उम्मीद है और यह पूरे मध्य-पूर्व में फैल सकता है।

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