अफगानिस्तान में तालिबान ने अमेरिका से ओसामा बिन लादेन की हत्या का बदला ले लिया है। गत शुक्रवार को तालिबान ने एक अमेरिकी चिनूक हेलीकाप्टर को मार गिराया। इस कार्रवाई में 31 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। यह साधारण सैनिक नहीं थे। इस हेलीकाप्टर में 31 अमेरिकी सैनिकों में नेवी सील कमांडों, तीन एयर फोर्स के कंट्रोलर, सात अफगानी सैनिक मौजूद थे, जो 22 नेवी सील कमांडो इस हेलीकाप्टर कैश में मारे गए। यह उस सील टीम सिक्स का दस्ता था जो 160वें स्पेशल ऑपरेशन एविएशन रेजीमेंट का था जिसने पाकिस्तान में एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मारने के अभियान में हिस्सा लिया था। ओसामा को मारने के बाद से ही अमेरिकी बलों का यह यूनिट तालिबान के निशाने पर था। वर्ष 2001 में अफगानिस्तान में जंग शुरू होने के बाद विदेशी सैनिकों के लिए यह सबसे बड़ी सिंगल क्षति थी। इस हेलीकाप्टर को अफगानिस्तान के पूर्वी वारदाक प्रांत के आतंकवाद प्रभावित एक जिले में शुक्रवार को तालिबान विरोधी अभियान के दौरान निशाना बनाया गया। घटना के बाद वारदाक प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता शाहीदुल्लाह शाहिद ने कहा कि तालिबान की ओर से दागे रॉकेट ने हेलीकाप्टर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। यह घटना वारदाक प्रांत के सामद आबाद जिले में हुई। हमले के बाद हेलीकाप्टर के कई टुकड़े हुए और यह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने सैनिकों की मौत पर खेद जताते हुए कहा कि यह हमारे सुरक्षा बलों के सर्वोच्च बलिदान का एक और उदाहरण है। अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी ओबामा को फोन कर इस घटना पर अफसोस जताया। इस कार्रवाई के एक प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद साबिर ने बताया कि उसके गांव में देर को हुई कार्रवाई के दौरान एक हेलीकाप्टर अचानक गिर गया। उसने कहा कि करीब रात 10 बजे हमने अपने ऊपर हेलीकाप्टर उड़ते देखे। हम घर में थे। एक हेलीकाप्टर एक तालिबान कमांडर के घर पर उतरा और ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू हो गई। हेलीकाप्टर ने फिर उड़ान भरी लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद वह गिर गया। वहीं एक अन्य हेलीकाप्टर भी उड़ रहा था। इस बीच नॉटो के एक प्रवक्ता ने कहा कि दरअसल क्या हुआ, इस संबंध में वह उपयुक्त समय में बयान देंगे। उधर तालिबान प्रवक्ता नबी उल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उसका संगठन हेलीकाप्टर को मार गिराने के लिए जिम्मेवार है। उसने कहा कि यह अमेरिकी चिनूक (हेलीकाप्टर) था। उसने अमेरिकी कार्रवाई में आठ आतंकियों के मरने की बात भी कही है। हालांकि पश्चिमी सेना के एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है कि वह कैसा हेलीकाप्टर था। चिनूक विशेषज्ञ हेलीकाप्टर है जिसका इस्तेमाल अफगानिस्तान में नॉटो गठबंधन सेना के सैनिकों और आपूर्ति के लिए किया जाता है। तालिबान ने ओसामा बिन लादेन की दो मई को पाकिस्तान के एबटाबाद में की गई हत्या का एक तरह से बदला ले लिया है। इसी 160वें स्पेशल ऑपरेशन एविएशन रेजीमेंट के नेवी सील सैनिकों ने लादेन को मार गिराया था। ओसामा को मारने वाले स्क्वाड्रन का नाम गोल्ड स्क्वाड्रन और सील टीम छह भी रखा हुआ था। कहा जा रहा था कि यह चिनूक हेलीकाप्टर किसी विशेष मिशन पर गया था। इसीलिए इसमें अमेरिकी सेना के सबसे प्रतिष्ठित सैनिक यूनिट के नेवी सील्स शामिल थे। तालिबान ने इसे रॉकेटों से उड़ाया। अमेरिका के लिए यह एक बहुत बड़ी क्षति है। सन् 2001 से अब तक यह सिंगल सबसे बड़ी त्रासदी कहा जाए तो शायद गलत न होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने सैनिकों की मौत पर खेद जताते हुए कहा कि यह हमारे सुरक्षा बलों के सर्वोच्च बलिदान का एक और उदाहरण है। अफगानी राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी ओबामा को फोन कर इस घटना पर अफसोस जताया। इस कार्रवाई के एक प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद साबिर ने बताया कि उसके गांव में देर को हुई कार्रवाई के दौरान एक हेलीकाप्टर अचानक गिर गया। उसने कहा कि करीब रात 10 बजे हमने अपने ऊपर हेलीकाप्टर उड़ते देखे। हम घर में थे। एक हेलीकाप्टर एक तालिबान कमांडर के घर पर उतरा और ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू हो गई। हेलीकाप्टर ने फिर उड़ान भरी लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद वह गिर गया। वहीं एक अन्य हेलीकाप्टर भी उड़ रहा था। इस बीच नॉटो के एक प्रवक्ता ने कहा कि दरअसल क्या हुआ, इस संबंध में वह उपयुक्त समय में बयान देंगे। उधर तालिबान प्रवक्ता नबी उल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उसका संगठन हेलीकाप्टर को मार गिराने के लिए जिम्मेवार है। उसने कहा कि यह अमेरिकी चिनूक (हेलीकाप्टर) था। उसने अमेरिकी कार्रवाई में आठ आतंकियों के मरने की बात भी कही है। हालांकि पश्चिमी सेना के एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है कि वह कैसा हेलीकाप्टर था। चिनूक विशेषज्ञ हेलीकाप्टर है जिसका इस्तेमाल अफगानिस्तान में नॉटो गठबंधन सेना के सैनिकों और आपूर्ति के लिए किया जाता है। तालिबान ने ओसामा बिन लादेन की दो मई को पाकिस्तान के एबटाबाद में की गई हत्या का एक तरह से बदला ले लिया है। इसी 160वें स्पेशल ऑपरेशन एविएशन रेजीमेंट के नेवी सील सैनिकों ने लादेन को मार गिराया था। ओसामा को मारने वाले स्क्वाड्रन का नाम गोल्ड स्क्वाड्रन और सील टीम छह भी रखा हुआ था। कहा जा रहा था कि यह चिनूक हेलीकाप्टर किसी विशेष मिशन पर गया था। इसीलिए इसमें अमेरिकी सेना के सबसे प्रतिष्ठित सैनिक यूनिट के नेवी सील्स शामिल थे। तालिबान ने इसे रॉकेटों से उड़ाया। अमेरिका के लिए यह एक बहुत बड़ी क्षति है। सन् 2001 से अब तक यह सिंगल सबसे बड़ी त्रासदी कहा जाए तो शायद गलत न होगा।
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