Monday, 1 August 2011

बुरे फंसे डाक्टर सुब्रह्मण्यम स्वामी


Published on 2nd August 2011
अनिल नरेन्द्र
वैसे तो जनता पार्टी अध्यक्ष डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी हमेशा से विवादों में फंसे रहते हैं पर इस बार उन्होंने एक ऐसी हरकत कर दी है जिसके गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हार्वर्ड जैसी संस्था से शिक्षित आर्थिक मामलों के जानकार डॉ. स्वामी ने एक अखबार में एक लेख में सुझाव दिया कि देश के हिन्दुओं को आतंकवादी कृत्यों पर मिलकर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। स्वामी ने लिखा था, `हमें समग्र दृष्टिकोण की जरूरत है, क्योंकि हिन्दुओं को इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना है। अगर कोई मुस्लिम अपनी हिन्दू विरासत को स्वीकार करता है तो हम हिन्दू उसे वृहद हिन्दू समाज के हिस्से के रूप में स्वीकार कर सकते हैं, जो कि हिन्दुस्तान है। अन्य लोग, जो इसे स्वीकार करने से इंकार करते हैं या जो विदेशी पंजीयन के जरिये भारतीय नागरिक बने हैं, वे भारत में तो रह सकते हैं, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं दिए जाने चाहिए यानि वे निर्वाचित प्रतिनिधि भी नहीं बन सकते।' मुस्लिम और अन्य गैर-हिन्दुओं से वोट देने का अधिकार छीनने की वकालत करने वाले इस लेख को लेकर विरोध हो रहा है। डॉ. स्वामी ने यह लेख मुंबई में सीरियल ब्लास्ट के तीन दिन बाद 16 जुलाई को मुंबई के अखबार डीएनए में लिखा था। इसमें उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए और यहां गैर-हिन्दुओं से वोट देने का अधिकार छीन लेना चाहिए। तभी आतंकवाद से सख्ती से निपटा जा सकता है। उनका कहना था कि मुसलमानों या अन्य गैर-हिन्दू समुदाय के लोगों को वोट देने का हक तभी होना चाहिए, जब वे गर्व से मानें कि उनके पूर्वज हिन्दू थे।
श्री स्वामी के इस लेख पर बवाल हो रहा है। मुस्लिमों के मतदान करने के अधिकार को निरस्त करने का सुझाव देते सुब्रह्मण्यम स्वामी के इस लेख को बेहद ठेस पहुंचाने वाला मानते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने शुक्रवार को कहा कि वह 2 अगस्त को यह फैसला करेगा कि वह जनता पार्टी के नेता पर क्या कार्रवाई करे। आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला ने बताया कि आयोग ने इस लेख पर गौर किया है और वह इसका परीक्षण करने की प्रक्रिया में है। हबीबुल्ला ने कहा कि इस लेख को सदस्यों को वितरित कर दिया गया है। आयोग ने इसे बेहद ठेस पहुंचाने वाला पाया है। अब इसका परीक्षण किया जा रहा है कि इससे भारतीय दंड संहिता के किस-किस प्रावधान का उल्लंघन हुआ है। महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष अब्राहम मथाई ने मुंबई के पुलिस चीफ अरुप पटनायक को पत्र लिखकर डॉ. स्वामी के खिलाफ केस दर्ज करने और गिरफ्तार करने की मांग की है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में भी स्वामी के खिलाफ आवाज उठने लगी है। वहां के करीब ढाई सौ छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को पत्र लिखकर स्वामी से सभी संबंध तोड़ने की मांग की है। स्वामी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इकॉनोमिक्स पढ़ाने जाते हैं। डॉ. स्वामी आए दिन विवादास्पद बयान देते ही रहते हैं पर इस बार उन्होंने कुछ ज्यादा ही कर दिया है। कोई भी सभ्य समाज ऐसी दलीलें स्वीकार नहीं कर सकता। डॉ. स्वामी जैसे विद्वान से इस प्रकार की हरकत की उम्मीद नहीं थी।
Tags: Anil Narendra, Daily Pratap, Mumbai, Subramaniam Swamy, Vir Arjun

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