Thursday, 11 August 2011

अन्ना ने किया खुली जंग का ऐलान



Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 12 August 2011
अनिल नरेन्द्र
अन्ना हजारे ने जंग का ऐलान कर दिया है। बुधवार को अन्ना हजारे ने लोकपाल पर विचार कर रही संसद की स्थायी समिति को खरी-खरी सुनाईं। समिति को अन्ना ने साफ कहा कि इस सरकारी लोकपाल बिल पर विचार करना समिति द्वारा अपना कीमती वक्त जाया करना है। उन्होंने सरकारी बिल की कमियां भी गिनाईं। अन्ना ने कहा कि सरकार ने जो बिल संसद में पेश किया है, वह विचार करने के लायक नहीं है। सरकार यह बिल सिर्प जनता को बेवकूफ बनाने के लिए लाई है ताकि लोगों को भ्रमित कर सके और उसने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए कुछ नहीं किया है। जितने मुद्दे उन्होंने सरकार के प्रतिनिधियों के साथ सांझा समिति की बैठक के दौरान उठाए थे, उन सबको छोड़ दिया गया है। इसलिए बेहतर होगा कि वह सरकार को यह कहते हुए बिल लौटा दें कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इसमें बहुत से और प्रावधानों की जरूरत है। अन्ना के साथ पहुंचे जन लोकपाल टीम के सदस्य शांतिभूषण ने लोकायुक्त की जरूरत बताते हुए कहा कि सरकार ने अपने बिल में इसका प्रावधान ही नहीं किया है। ऐसे में अब संसदीय समिति के लिए यह जोड़ना मुश्किल होगा। लोकपाल के चयन और इसे हटाने के सरकारी प्रावधानों को भी उन्होंने गलत बताया। साथ ही इसमें सभी सरकारी अधिकारियों, जजों, प्रधानमंत्री को भी शामिल करने की वकालत की। बैठक के दौरान इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी सहित कांग्रेस के ही मनीष तिवारी और मीनाक्षी नटराजन, भाजपा के राम जेठमलानी, बसपा के विजय बहादुर सिंह, सपा के शैलेन्द्र कुमार और राजद के लालू प्रसाद भी मौजूद थे। टीम अन्ना में अन्ना के अलावा शांतिभूषण, अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी और मनीष सिसोदिया लगभग डेढ़ घंटे चली बैठक में मौजूद थे।
अब आगे क्या? तय कार्यक्रम के अनुसार अन्ना हजारे आमरण अनशन करेंगे। दिल्ली पुलिस द्वारा सुझाई गई जगह जय प्रकाश नारायण नेशनल ह पार्क अन्ना को स्वीकार्य है। दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने बुधवार शाम टीम अन्ना को यह विकल्प सुझाया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। अन्ना 16 अगस्त से यहीं आमरण अनशन करेंगे। जय प्रकाश नारायण ह पार्क दिल्ली के प्रमुख स्टेडियम फिरोज शाह कोटला मैदान और शहीदी ह पार्क से बिल्कुल सटा हुआ है। यह पार्क 8-10 एकड़ क्षेत्र में फैला है और इसमें 15 से 18 हजार लोग समा सकते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के 16 अगस्त से शुरू होने जा रहे अनशन की कामयाबी में आंदोलन का समय और संयोग अहम किरदार अदा कर सकता है। इस सप्ताह के अंत में कई त्यौहार पड़ रहे हैं। ऐसे में नौकरीपेशा लोगों ने धड़ाधड़ सप्ताहभर की छुट्टी के लिए आवेदन किए हैं। छुट्टियों का यह संयोग अन्ना के आंदोलन के साथ जुड़ गया है। इस वीकएंड में रक्षा बंधन और फिर स्वतंत्रता दिवस के बाद अगले सप्ताह रविवार को जन्माष्टमी की छुट्टी के बीच ही अन्ना का आंदोलन भी शुरू हो रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ देश को एकजुट करने के लिए अन्ना हाल ही में नौकरीपेशा लोगों को एक सप्ताह की छुट्टी लेकर आंदोलन में शामिल होने की अपील कर चुके हैं। इसे संयोग कहें या केयरफुल प्लानिंग की अन्ना का आंदोलन ऐसे समय हो रहा है जब छुट्टियों की सौगत लगी हुई है। खबर है कि कारपोरेट जगत कम्पनियों के 55 फीसदी कर्मचारियों ने भी एक सप्ताह की छुट्टी के लिए आवेदन किया है। समय तो उपयुक्त है अब देखना यह है कि अन्ना को कितना जन समर्थन मिलता है।
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