Thursday 26 March 2015

अखिलेश यादव अपनी छवि बदलना चाहते हैं

तीन वर्ष के शासन के बाद उत्तर पदेश में समाजवादी पाटी की सरकार अपनी छवि बदलने की कोशिश में है। दो साल बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पाटी एक खास वर्ग के साथ जोड़कर देखी जाने वाली अपनी पहचान से आगे निकलना चाहती है। यही वजह है कि अखिलेश यादव ने श्रवण यात्रा की शुरुआत कर बुजुर्गें के लिए तीर्थाटन की योजना शुरू की है ताकि वह सभी के दिलों में सरकार के लिए स्थान तलाश सकें। इसके अलावा अपैल से मुख्यमंत्री का पदेश का औचक निरीक्षण करने का कार्यकम है ताकि विकास के सच की जमीनी तस्दीक की जा सके। तीन साल पहले यूपी में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सरकार पर एक खास धर्म और जाति के हितों पर अधिक ध्यान देने के आरोप लगते रहे हैं। विपक्ष समय-समय पर सपा सरकार पर यह आरोप मढ़ता रहा है कि उसने सरकार बनाने के बाद एक खास जाति के विकास को ज्यादा तरजीह दी है। खुद पाटी मुखिया मुलायम सिंह यादव को सफाई देनी पड़ी थी कि समाज का जो तबका सबसे पिछड़ा है उसका विकास करना सरकार की सर्वेच्च पाथमिकता है। एक जाति व धार्मिक वर्ग के पति सहानुभूति की छवि से आगामी विधानसभा चुनाव में सपा को नुकसान हो सकता है, इसलिए अब अपनी छवि बदलना चाहते हैं। तीन वर्ष पूर्व विधानसभा चुनाव में सपा को मिलीं 224 सीटें इस बात का संकेत हैं कि पाटी को सभी धर्मों और जातियों ने बराबरी से स्वीकार किया था पर बीते वर्ष हुए लोकसभा के चुनाव में उत्तर पदेश में पाटी को मिली करारी शिकस्त के बाद हार के कारणों पर वरिष्ठ नेताओं ने कई चक मंथन और चिंतन बैठकें कीं। इन बैठकों में पाटी की हार की बड़ी वजह उसकी मुसलमानों और यादवों के करीबी होने व दिखने की छवि को ठहराया गया। इसके बाद से सपा आलाकमान ने सभी धर्में और जातियों तक खुद को पहुंचाने की रणनीति तैयार की है। इसी कम में मुख्यमंत्री अखिलेश ने कई कदम उठाए हैं और उठाने जा रहे हैं। इसी कम में सिंधु दर्शन की यात्रा पर जाने वाले राज्य के मूल निवासियों को 10 हजार रुपए का अनुदान देने का फैसला किया है। सिंधु दर्शन यात्रा हर साल जून में आयोजित की जाती है। अखिलेश यादव भी अब पधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राह पर चल निकले हैं। उन्होंने भी आम लोगों तक अपनी पहुंच बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत वह भी `मन की बात' कार्यकम का आयोजन करेंगे। जल्द ही वह यूपी के छात्रों से मन की बात करेंगे। पिछले दिनों पीएम मोदी ने भी छात्रों से मन की बात की थी। सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव सिर्फ उन छात्रों से ही मन की बात करेंगे जिनको उनकी सरकार ने लैपटॉप दिए थे। ऐसे करीब 15 लाख छात्र हैं। उन्हें तीन साल पहले लैपटॉप दिए गए थे। 2017 के चुनाव में इन छात्रों की बड़ी भूमिका हो सकती है। वे 2017 तक मतदाता बन जाएंगे। गौरतलब है कि सपा ने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान 12 वीं पास छात्रों को लैपटॉप देने का वादा किया था। सरकार बनी तो उन सभी छात्रों को लैपटॉप बांटे गए जिन्होंने 2012 में इंटर किया था। अखिलेश यादव सरकार को अपनी छवि बदलनी होगी और यही करना चाह रहे हैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।

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