Friday, 25 May 2018

सोने-चांदी का 60 अरब डॉलर का भंडार

अब समझ आया कि चीन आखिर अरुणाचल प्रदेश पर अपना अधिकार क्यों जमाना चाह रहा है। ताजा रिपोर्टों के अनुसार अरुणाचल सीमा के पास बड़े पैमाने पर सोने-चांदी का भंडार पाया गया है। बताया जा रहा है कि यहां सोने-चांदी और अन्य बहुमूल्य खनिजों का करीब 60 अरब डॉलर का भंडार पाया गया है। चीन की सरकारी मीडिया साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट के मुताबिक खनन परियोजना भारत की सीमा से लगे चीनी क्षेत्र में पड़ने वाले लउंजे काउंटी में चलाई जा रही है। अखबार ने स्थानीय अधिकारियों, चीनी भूगर्भ शास्त्रियों और रणनीतिक विशेषज्ञों से मिली जानकारी के आधार पर यह दावा किया है। बीजिंग स्थित चीन भूविज्ञान विश्वविद्यालय के प्राध्यापक थेंग चुन्चे के मुताबिक नए पाए गए अयस्क हिमालय क्षेत्र में चीन और भारत के बीच संतुलन बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में सीमा से लगे इस इलाके में चीन की परियोजना से डोकलाम के बाद एक बार फिर दोनों देशों में तनाव हो सकता है। यह ऐसे वक्त हो रहा है जब एक माह पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच डोकलाम जैसी गतिरोध टालने पर चर्चा हुई थी। समाचार पत्र की रिपोर्ट में खनन काम को चीन द्वारा अरुणाचल को अपने नियंत्रण में लेने की रणनीति के तौर पर दिखाया गया है। इसके मुताबिक खनन काम से अवगत लोगों का मानना है कि यह बीजिंग की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है। जिससे वह दक्षिण तिब्बत क्षेत्र पर अपना दावा पुख्ता कर सकता है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों पर चीन के दावा जताने की उसकी कोशिश और तेजी से निर्माण कार्य करने के चलते यह इलाका दूसरा दक्षिणी चीन सागर बन सकता है। रिपोर्ट में स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि चीन के भू-वैज्ञानिक और सामरिक मामलों के विशेषज्ञों ने हाल ही में इस इलाके का दौरा किया। चीन ने दक्षिणी चीन सागर में द्वीप बनाए और अपना नियंत्रण कर रखा है। चीन ने दक्षिणी चीन सागर में शुरुआत में खनिज पदार्थों को निकालने के नाम पर मामूली शुरुआत के बाद वहां सैन्य ठिकाने बनाए। चीन की निगाह अरुणाचल प्रदेश समेत भारत के अन्य सीमावर्ती इलाकों पर है। भारत और चीन के बीच निर्धारित सीमा नहीं है, जिसके चलते अकसर विवाद पैदा होता रहता है। हाल के दिनों में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की भी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अब जब सोने-चांदी व अन्य बहुमूल्य धातुओं के निकलने की बात सामने आ रही है तो नए सिरे से विवाद पैदा हो सकता है।

-अनिल नरेन्द्र

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