Thursday 10 May 2018

आमेर, नाहरगढ़ समेत दर्जनभर धरोहरों का ठेका

लाल किले को केंद्र सरकार की ओर से डालमिया समूह को दिए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। आए दिन इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। हाल ही में अजय माकन के नेतृत्व में प्रदेश कांग्रेस का प्रदर्शन हुआ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा ऐतिहासिक लाल किले को साजिश के तहत निजी हाथों में दिया जाना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि हमें स्वीकार नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता प्रतीकात्मक तौर पर पांच-पांच रुपए दान-पेटी में डालकर एकत्र करके लाल किला के रखरखाव के लिए मोदी जी को भेजेंगे। अगर आवश्यकता पड़ी तो कांग्रेस कार्यकर्ता प्रतिवर्ष पांच करोड़ रुपए एकत्र कर केंद्र सरकार को देंगे, लेकिन मोदी सरकार को लाल किला बेचने नहीं देंगे। माकन ने कहा कि मोदी सरकार अपने प्रचार के लिए 3000 करोड़ रुपए तो खर्च कर सकती है, लेकिन देश की सांस्कृतिक धरोहर लाल किला की मरम्मत व देखभाल के लिए पांच करोड़ रुपए प्रतिवर्ष खर्च नहीं कर सकती। उधर चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लाम्बा ने बताया कि केवल गेट टिकटों से ही लाल किले में प्रवेश के लिए सालाना 18 करोड़ रुपए के टिकट बिकते हैं। दिव्या चेतना समिति के साथियों ने हाथों में डिब्बे लेकर आम जनता से लाल किले को बचाने के लिए बसों, ई-रिक्शा में बैठे यात्रियों के पास जाकर एक-एक रुपए का दान मांगा। प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए महासचिव राहुल शर्मा ने कहा कि केंद्र एक तरफ राष्ट्रवादी होने की बात करता है और दूसरी तरफ राष्ट्र की धरोहर लाल किले को संभालने में विफल हो गया है। हम सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं और सभी देशवासियों से यह अपील करते हैं कि ऐतिहासिक धरोहर लाल किले को बचाने के लिए एक रुपए का दान दें और इस दान राशि को प्रधानमंत्री राहत कोष में भेजा जाएगा। खबर यह भी मिली है कि केंद्र सरकार की एडॉप्ट हैरिटेज योजना में राजस्थान की भी करीब एक दर्जन ऐतिहासिक धरोहरों को निजी क्षेत्र को सौंपा जाएगा। इनमें विश्व विख्यात आमेर और नाहरगढ़ का किला भी शामिल है। योजना के तहत वर्ष 2018 में 90 से ज्यादा ऐतिहासिक धरोहरों को गोद दिया जाएगा। इनमें तीन श्रेणियां बनाई गई हैं, जिनमें ग्रीन, ब्ल्यू और ऑरेंज श्रेणी हैं। ग्रीन श्रेणी में रखे गए धरोहर लेने वालों को ब्ल्यू और ऑरेंज श्रेणी की एक धरोहर भी लेनी होगी। वैसे ब्ल्यू और ऑरेंज श्रेणी की धरोहर ही कोई लेना चाहे तो ले सकता है। राजस्थान में जो प्रमुख किले निजी क्षेत्र को सौंपे जाने हैं उनमें चित्तौड़गढ़ का किला जो विश्व धरोहर में शामिल है। पहले चरण में जैसलमेर का किला, योजना के दूसरे चरण में नाहरगढ़ और आमेर किला तीसरे चरण में सौंपा जाएगा। ऑरेंज श्रेणी में रखी गई धरोहरों में डीग पैलेस (भरतपुर), मानगढ़ (अलवर), मंडोर फोर्ट (जोधपुर), भरतपुर फोर्ट, शेरगढ़ फोर्ट (धौलपुर), महल बादशाही (पुष्कर) प्रमुख हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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