Thursday, 31 May 2018

साजिश या संयोग ः कैसे खराब हो गई ईवीएम मशीनें?

उत्तर पदेश की कैराना और नूरपुर विधानसभा समेत देश की कुल 14 सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान ईवीएम मशीनों की खराबी की शिकायतों के बीच संपन्न हो गया पर मशीनों के खराब होने से चुनाव का मजा किरकिरा जरूर हो गया। सरकार या जनपतिनिधियों को चुनने की पकिया बिल्कुल पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए। यही हमारे लोकतंत्र की बुनियाद भी है। मतदान के दौरान ईवीएम मशीनें यानी इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के खराब होने की शिकायतें जिस पैमाने पर सामने आई हैं वह हैरान-परेशान करने वाली हैं। इससे चुनाव की निष्पक्षता पभावित होती है या नहीं, यह चुनाव पबंधन की विफलता जरूर है। ईवीएम की सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर पदेश और महाराष्ट्र से सामने आईं। कैराना लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोक दल की उम्मीदवार ने तो कई सारी जगहों पर ईवीएम के खराब होने की लिखित शिकायतें चुनाव आयोग से की हैं। वहीं विपक्ष के तमाम नेताओं ने ईवीएम की खराबी को चुनाव को बेजा ढंग से पभावित करने का पयास तक बताया है। उत्तर पदेश के शामली जिले की कैराना लोकसभा व नूरपुर विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में सोमवार सुबह से मतदान के दौरान लगभग 150 ईवीएम में खराबी के मामले सामने आए। इसकी भाजपा और सपा समेत तमाम दलों ने अपने-अपने ढंग से राज्य निर्वाचन आयोग से ईवीएम बदलने की मांग व शिकायत की। पदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वरलु ने ईवीएम की खराबी का कारण भीषण गर्मी बताया है। उन्होंने कहां, तेज गर्मी के कारण ईवीएम मशीनें खराब हो रही हैं, लेकिन कहीं पर भी मशीन की गड़बड़ी के कारण चुनाव पभावित नहीं हुए हैं। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में अतिरिक्त मशीनें हैं, हमने मशीनें बदलवा दीं।  उन्हेंने यह भी कहा कि मतदान से पहले सभी ईवीएम और वीवीपैट की जांच हुई थी। उधर महाराष्ट्र में पालघर एवं गोंदिया लोकसभा के उपचुनाव को लेकर संपन्न हुए मतदान के दौरान ईवीएम मशीनों की गड़बड़ी के कारण मतदान तीस पतिशत से अधिक नहीं हो पाया है। ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने भाजपा को घेरा। कांग्रेस ने उपचुनाव को रद्द कर फिर से चुनाव कराने की मांग की है वहीं शिव सेना ने मशीन की गड़बड़ी को भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत बताया है। चुनाव आयोग ने मतदान खत्म होने के बाद भाजपा विरोधियों की मांग को ठुकराते हुए कहा कि फिर से चुनाव नहीं होंगे। चुनाव आयोग के अभिमन्यु काले ने कहा कि ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी का आरोप बेबुनियाद है। दुख और चिंता का विषय यह है कि चुनाव आयोग अपना स्टैंड बदलता रहा है। पहले तो कहा कि ईवीएम के खराब होने की बढ़-चढ़कर शिकायतें की जा रही हैं। लेकिन जब दिनभर यूपी और महाराष्ट्र से मशीनों की गड़बड़ी की खबरें आती रहीं, तो आयोग ने दूसरा स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वोटिंग मशीनें गर्मी के कारण खराब हुईं। सभी दोष मौसम का है, लेकिन विपक्ष ने आरोप लगाया कि पहली बात चुनाव आयोग ने रमजान के दौरान मतदान क्यों रखा? उसे मालूम है कि मुसलमान रोजा रखते हैं वह भी पानी के बगैर और वोट देने के लिए एक बार वह दो घंटे लाइन में लगें और पता चले कि ईवीएम में गड़बड़ी है तो वो दोबारा दो घंटे वोट देने के लिए लाइन में लगने से रहे। क्या यह इत्तेफाक है कि ईवीएम मुस्लिम और दलित इलाकों में ज्यादा खराब हुईं? यह साजिश है या संयोग, आखिर इतने बड़े पैमाने पर ईवीएम मशीनें कैसे खराब हो गईं। कैसे वीवीपैट मशीन खराब हुईं? मशीन की इस खराबी ने उपचुनाव की सियासत को और अधिक गरमा दिया है और निष्पक्ष चुनाव की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सियासी दलों से लेकर जनता तक ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए एक बार फिर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है। दांव पर है चुनाव आयोग की विश्वसनीयता।

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