Friday 11 May 2018

माल्या केस ः भारत सरकार, बैंकों की शानदार उपलब्धि

भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपए लेकर देश छोड़कर भागा भारतीय उद्योगपति की रिकवरी के मामले में भारत सरकार व सरकारी एजेंसियों को भारी सफलता मिली है। मैं बात कर रहा हूं उद्योगपति लिकर बैरन विजय माल्या की। ब्रिटिश हाई कोर्ट ने भारतीय बैंकों की ओर से 1.55 बिलियन डॉलर यानि 10,000 करोड़ रुपए की वसूली के मामले में माल्या के खिलाफ फैसला दे दिया है। जज एंड्रयू हेनशॉ ने दुनियाभर की सम्पत्तियों को जब्त करने के आदेश को पलटने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने भारतीय अदालत के अब फैसले को भी बरकरार रखा है जिसमें 13 बैंकों के कंसोर्टियम को माल्या से करीब 10,000 करोड़ रुपए की वसूली करने का हकदार बताया गया है। भारतीय बैंकों के पक्ष में आए निर्णय से इंग्लैंड और वेल्स में माल्या की सम्पत्तियों पर भी भारतीय अदालत का फैसला लागू होगा। वैश्विक जब्ती का आदेश बहाल रहने के बाद माल्या इंग्लैंड और वेल्स में अपनी किसी सम्पत्ति को बेच या ट्रांसफर नहीं कर सकेगा और न ही सम्पत्ति का मूल्य घटा सकेगा। जज हेनशॉ ने मंगलवार के फैसले के खिलाफ अपील करने की इजाजत भी नहीं दी। अब माल्या को कोर्ट ऑफ अपील में याचिका दायर करनी होगी। इंग्लैंड के हाई कोर्ट के कॉमर्शियल कोर्ट की क्वीन्स डिवीजन बैंच में मुकदमा जीतने वाले 13 भारतीय बैंकों में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, कारपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रशन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। माल्या पर आरोप लगा था कि उसने जानबूझ कर बंद पड़ी अपनी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए करीब 1.4 अरब डॉलर का कर्ज लिया था। जज ने सम्पत्तियों को दुनियाभर में फ्रीज करने का आदेश पलटने की माल्या की मांग भी ठुकरा दी। 62 साल का माल्या ब्रिटेन में ही नहीं भारत में भी कई मुकदमों का सामना कर रहा है। इनमें धांधली और मनी लांड्रिंग के आरोपों से जुड़े मामले शामिल हैं। एक साल पहले उसे लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह प्रत्यर्पण से बचने के लिए एक अन्य कोर्ट में कानूनी लड़ाई भी लड़ रहा है। लंदन की एक दूसरी अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण का मुकदमा चल रहा है। माना जा रहा है कि इस फैसले से प्रत्यार्पण की कोशिशों को भी मजबूती मिलेगी। इस केस के फैसले के दूरगामी असर होंगे। अगर माल्या आगे अपील में भी हार जाता है और उसकी रिकवरी होती है तो न केवल भारतीय बैंकों के डूबे पैसे लौटने की उम्मीद जगती है बल्कि मोदी सरकार की यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। इससे और भारतीय भगौड़ों को देश वापस लाने और उनसे पैसों की रिकवरी का भी चांस बनता है। इससे यह संदेश भी जाएगा कि पैसों की हेराफेरी करके आप कहीं नहीं छिप सकते।

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