Sunday, 1 July 2018

मेड इन चाइना वाया नेपाल का अवैध हथियारों का रूट

नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस दिल्ली के एटीएस और एंटी रॉबरी सेल की गिरफ्त में आए अवैध आर्म्स डीलर सलीम पिस्टल के नाम से यूं ही नहीं जाना जाता। उसके नाम के आगे पिस्टल लगने की कहानी ही उसके अवैध धंधे में महारथ का सबूत है। वह दिल्ली, हरियाणा और वैस्टर्न उत्तर प्रदेश में गैंग्स को विदेशी पिस्टल बेचता था। साउथ अफ्रीकन एम्बेसी की नम्बर प्लेट वाली कार में नेपाल के रास्ते मेड इन चाइना पिस्टल लेकर आने वाले सलीम पिस्टल के तार पाकिस्तान से भी जुड़े हैं। पुलिस कस्टडी में सलीम पिस्टल ने खुलासा किया है कि अवैध हथियारों को बेहद चतुराई से बिजली के ट्रांसफार्मरों में छिपाकर एयर कार्गो से नेपाल मंगवाया जाता था, जहां से उन्हें भारत लाया जाता था। सलीम की सप्लाई की हुई पिस्टल की क्वालिटी ने उसे गैंगस्टरों की पहली पसंद बना दिया था और फिर जुर्म की दुनिया में लोग इसीलिए उसे सलीम पिस्टल के नाम से जानने लगे। पुलिस के मुताबिक सलीम से बरामद पिस्टल अत्याधुनिक हैं, जिनमें 17 गोलियां एक साथ लोड हो जाती हैं। सभी मेड इन चाइना हैं। नेपाल के रास्ते भारत में आने वाले सलीम को इंटरनेशनल बॉर्डर पार करने पर उसे कभी चैक पोस्ट पर चैक नहीं किया जाता था। फिलहाल दिल्ली पुलिस इस संबंध में बॉर्डर पर तैनात सिक्यूरिटी फोर्सेस को लिखने के साथ-साथ गृह मंत्रालय में पूरी रिपोर्ट दाखिल करने की तैयारी में है। एक और महत्वपूर्ण खुलासा तस्करी में इस्तेमाल होने वाली फॉर्च्यूनर को लेकर हुआ है। आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि वारदात के लिए इस्तेमाल फॉर्च्यूनर उन्होंने राजधानी स्थित दक्षिण अफ्रीकी उच्चायोग से एक दलाल के जरिये खरीदी थी। दरअसल उच्चायोग में पुरानी गाड़ियों को नीलाम कर दिया जाता है। यह फॉर्च्यूनर भी इसी तरह करीब आठ-नौ महीने पहले खरीदी गई थी और इस पर दिल्ली का नम्बर लिखा गया था और उच्चायोग की नम्बर प्लेट भी उन्होंने अपने पास रख ली। उस पर अंतर्राष्ट्रीय नम्बर है। आरोपी नेपाल सीमा को पार करने के लिए इसी अंतर्राष्ट्रीय नम्बर वाली प्लेट का इस्तेमाल करते थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार सलीम दिल्ली के सभी टॉप गैंग्स नासिर, छेनू, सोनू दरियापुर, नीरज बवानिया आदि को यह 17 मैगजीन वाली इंटरनेशनल पिस्टलें सप्लाई करता रहा है। इन गैंगों को सलीम की पिस्टल इसलिए भी पसंद रही क्योंकि वह अत्याधुनिक और 17 गोलियों वाली होती थी। दूसरी बात यह है कि सलीम बेहद पेशेवर तरीके से माल की डिलीवरी करता था, जिससे किसी को कोई टैंशन नहीं होती थी। पुलिस के अनुसार एक पिस्टल की कीमत डेढ़ से दो लाख रुपए के बीच बताई जा रही है। सभी बेहद फाइन क्वालिटी की हैं। दिल्ली पुलिस बधाई की पात्र है कि उसने इतने बड़े हथियार तस्कर को पकड़ा और पूरी स्कीम का पर्दाफाश किया।

-अनिल नरेन्द्र

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