Wednesday 4 July 2018

सामूहिक हत्या या सामूहिक खुदकुशी?

सवालों में उलझी बुराड़ी के भाटिया परिवार की अत्यंत दुखद घटना। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 11 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की दिल दहला देने वाली घटना दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही साथ-साथ चौंकाने वाली भी है। बुराड़ी के संत नगर में रविवार सुबह एक घर से संदिग्ध स्थिति में 11 शव मिलने से हड़कंप मचना स्वाभाविक ही था। इनमें सात महिलाएं और चार पुरुषों के शव हैं। कुछ के हाथ-पैर बंधे हुए थे तो कुछ की आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी। पुलिस के मुताबिक दो परिवारों के कुल 11 लोग फांसी के फंदे पर लटके मिले। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब सवा सौ गज के मकान में स्थित ग्राउंड फ्लोर पर भूपी परचून व दूध की दुकान चलाता था, जबकि बराबर में ही ललित की फर्नीचर की दुकान है। दिल्ली में नारायण देवी के साथ उनके दो बेटे भुवनेश भाटिया उर्प भूपी (50) और ललित भाटिया (45) और एक विधवा बेटी प्रतिभा भाटिया (57) अपने-अपने परिवारों के साथ रहते थे। पुलिस पता करने की कोशिश कर रही है कि यह मामला सामूहिक हत्या का है या इन सभी ने आत्महत्या की है? शक है कि इन लोगों ने आध्यात्मिक तरीके से मौत पाने के लिए सामूहिक रूप से खुदकुशी की है। हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर पा रही है क्योंकि कुछ सवाल अब भी अनुत्तरित हैं। अगर यह खुदकुशी है तो सभी 11 लोग कैसे तैयार हो गए? आस-पड़ोस के लोगों का कहना है कि जिस युवती की इसी महीने सगाई हुई हो और उसकी शादी तय हो चुकी हो, भाइयों की आर्थिक स्थिति अच्छी हो, वे खुदकुशी क्यों करेंगे और सभी इसके लिए राजी कैसे हो जाएंगे? लोगों का मानना है कि यह पूरा मामला हत्या से जुड़ा है, हाथ और पैरों का बंधा होना इस बात की तस्दीक करता है। दोनों भाइयों के परिवारों के बीच बहुत अच्छे ताल्लुकात व तालमेल था। इसी महीने उन्होंने पूरे मकान के रिनोवेशन का काम कराया था। बेटी की शादी तय हो चुकी थी तो इस सामूहिक खुदकुशी में उसे शामिल करने का क्या मतलब था? यह परिवार काफी धार्मिक प्रवृत्ति का था, संभव है कि यह पूरी घटना अंधविश्वास के जाल में फंसकर की गई हो, जिसमें परिवार के किसी सदस्य की भूमिका हो। यह भी संभावना जताई जा रही है कि किसी तांत्रिक बाबा ने उनका माइंड वॉश करके मोक्ष प्राप्त करने के लिए ऐसा करने को कहा हो? फिर पूरे परिवार ने सुनियोजित ढंग से यह सामूहिक कदम उठाया हो। इसलिए रात में हलचल होने की संभावना को देखते हुए ही परिवार ने मुंह पर टेप और कान में रूई ठूंसी होगी। पड़ोसियों का कहना है कि रात 11 बजे तक इस परिवार के कुछ सदस्यों को घर के बाहर टहलते देखा गया था। रात में कोई शोर या हलचल भी महसूस नहीं हुई। फिर बुजुर्ग महिला का शव दूसरे कमरे में बैड के नीचे पड़ा मिला। महिला का वजन बहुत अधिक था, इसलिए वह फंदा नहीं लगा सकी। यह भी आशंका जताई जा रही है कि परिवार के किसी व्यक्ति ने पहले उनकी हत्या की हो, उसके बाद दूसरे कमरे में बाकी सदस्यों के साथ खुदकुशी कर ली हो। जांच से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि फंदा लगाने की वजह से इन सबका टायलेट निकला हुआ था। जहर खाने या खिलाए जाने की संभावना कम दिखती है। फिर भी पुलिस ने बिसरा को सुरक्षित रखवा लिया है ताकि पता चल सके कि मौत से पहले उन्हें कोई जहरीला पदार्थ तो नहीं खाया या दिया गया? ताजा रिपोर्ट के अनुसार पोस्टमार्टम में मृत पाए गए 11 लोगों में से आठ में संघर्ष के कोई संकेत नहीं मिले हैं। सभी की मौत फांसी लगाने से हुई। घटनास्थल से मिले हाथ से लिखे कुछ नोट्स को देखते हुए पुलिस को संदेह है कि यह मामला सोच-समझकर की गई आत्महत्या का है जो किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए की गई प्रतीत होती है। अभी तक किसी के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि यह सामूहिक हत्या है या सामूहिक आत्महत्या? अभी सिर्प आशंकाएं हैं और इन आशंकाओं ने हर किसी के जहन में कई सवाल पैदा कर दिए हैं। उम्मीद की जाती है कि अगर यह किसी तांत्रिक के बहकावे में उठाया गया कदम है तो उस तांत्रिक का पुलिस अवश्य पता निकाल लेगी। खैर, जो भी हो यह अत्यंत दुखद व चौंकाने वाली घटना है।

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