पाकिस्तान में चुनाव सम्पन्न हो गए हैं। संसद
में नए चेहरे शामिल होने को तैयार हैं। बुधवार (25 जुलाई) को हुए चुनाव के बाद उनके नतीजे आ चुके हैं और
इन नतीजों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़े दल के
रूप में उभरी है। इमरान खान ही पाकिस्तान के अगले वजीर-ए-आजम होंगे। किकेटर से राजनेता बने इमरान सत्ता पर काबिज होने की पूरी तैयारी
में हैं। सियासी गलियारों में हो रही इस अदला-बदली के बीच पाकिस्तान
के चुनाव एक और वजह से भी चर्चा में रहे। इसकी वजह है इस चुनाव में महिलाओं की भागीदारी।
पाकिस्तान के चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 206 के मुताबिक सभी दलों को 5 पतिशत टिकट महिलाओं को देना
आवश्यक किया गया था। यही वजह है कि नेशनल असेंबली की कुल 272 सीटों पर अलग-अलग दलों ने कुल 171 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया। इनमें से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने सबसे ज्यादा 19 महिलाओं
को मैदान में उतारा, उसके बाद दक्षिण पंथी दल मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) ने 14 महिलाओं को टिकट दिया। वहीं सत्ता पर काबिज होने
के करीब पहुंची पीटीआई ने 11 महिलाओं को टिकट दिया। इसके साथ
हाफिज सईद की जमात-उद-दावा की अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक पार्टी ने भी तीन महिलाओं को टिकट दिया।
कुल मिलाकर पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार इतनी संख्या में महिलाएं चुनावी मैदान
में उतरीं। इन महिलाओं में एक उम्मीदवार का नाम अली बेगम भी है, जो पुरुष पधान कबाइली इलाके से चुनाव लड़ने वाली पहली महिला उम्मीदवार हैं।
वैसे पाक में चुनाव आयोग का एक नियम ये भी कहता है कि किसी चुनावी क्षेत्र में
10 पतिशत से कम महिलाओं की भागीदारी हुई तो चुनावी पकिया रद्द कर दी
जाएगी। चुनाव आयोग की इन शर्तों के बाद तमाम पार्टियों ने महिलाओं को टिकट तो दिया
लेकिन कई महिला संगठनों ने यह आरोप भी लगाया कि महिला उम्मीदवारों को कमजोर सीट से
चुनावी मैदान में उतारा गया। पाकिस्तान में महिला उम्मीदवारों की जीत से साफ होता है
कि धीरे-धीरे वहां की राजनीति में भी महिलाओं की पकड़ मजबूती
से बन रही है। हालांकि पाकिस्तान की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लंबे वक्त से
रही है। बेनजीर भुट्टो पधानमंत्री के पद तक काबिज हो चुकी हैं। नवाज शरीफ की बेटी मरियम
शरीफ से लेकर पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार अपनी पैठ बनाने में सफल रहीं।
öअनिल नरेन्द्र
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