नवरात्र के दिनों में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड
के मुताबिक इस साल 4 लाख
श्रद्धालु माता के दरबार पहुंचेंगे। बोर्ड के अनुसार इस बार 13 किलोमीटर लंबा यात्रा मार्ग विदेशी फूलों से सजाया गया है। 96 फुट लंबी गुफा का प्रवेश द्वार सोने का बनवाया गया है। 400 स्वयंसेवकों की एक फौज दिन-रात काम कर रही है। सुरक्षा
के मद्देनजर कटरा और श्राइन भवन के पास बेस कैंप बनाया गया है। 2017-18 में मंदिर में 418.54 करोड़ रुपए का चढ़ावा आया था जबकि
2018-2019 में 380.41 करोड़ रुपए का चढ़ावा आया
है। माता वैष्णो देवी का 13 किमी लंबा पैदल मार्ग भक्तों के स्वागत
में इन दिनों विदेशी फूलों से महक रहा है। श्राइन बोर्ड ने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, स्विट्जरलैंड
और यूएई से विभिन्न किस्मों के फूल मंगवाए हैं। वैष्णो देवी में नौ दिन चलने वाले शतचंडी
यज्ञ के वैदिक मंत्र यहां हर जगह सुनाई दे रहे हैं। महाष्टमी के दिन यज्ञ की पूर्णाहुति
होगी। इस बार श्राइन बोर्ड के भोजनालयों में व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन
का खास प्रबंध किया गया है, जहां रोज हजारों भक्तप्रसादी ग्रहण
कर रहे हैं। वैष्णो देवी मंदिर में सितम्बर 1986 से पूजा कर रहे
मुख्य पुजारी गोपाल दास शर्मा बताते हैं कि मां के इस मंदिर का स्थान शक्तिपीठों के
समकक्ष माना गया है। मां की पारंपरिक पूजा दिन में दो बार की जाती है। यहां आरती की
प्रक्रिया बाकी मंदिरों से अलग और लंबी है। पुजारी पहले गुफा के भीतर आरती करते हैं
फिर गुफा के बाहर भक्तों के सामने आरती होती है। आरती के पहले आत्मशुद्धि के लिए पुजारी
आत्मपूजन करते हैं। मान्यता है कि यहां सती का सिर गिरा था। जियोलॉजिकल स्टडीज के मुताबिक
यह गुफा कई हजार साल पुरानी है। वैसे यह मंदिर वैदिक युग का माना गया है। ऋग्वेद में
भी त्रिकुट पर्वत पर बसे इस मंदिर का उल्लेख है। आगे चलकर महाभारत में भी माता वैष्णो
का जिक्र आता है। भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि कौरवों पर जीत के लिए माता वैष्णो
का आशीर्वाद लो। यह भी कहा जाता है कि यहां स्थापित माता की पिंडियां, पांडवों की निशानी है। सबसे पहले यहां पूजा पांडवों ने ही की थी। गुफा के सामने
गोल्ड प्लेटेड प्रवेश द्वार इस साल भक्तों के लिए खास आकर्षण है। 2018 में यहां कुल 85.87 लाख तीर्थयात्री आए थे। इस साल अगस्त
तक यहां 53.38 लाख लोग यहां आ चुके हैं। यह संख्या पिछले साल
की इसी वक्त तक की तुलना में छह लाख कम है। शायद जम्मू-कश्मीर
में चल रहे उठापटक के कारण यह संख्या कम हुई है। इस साल रेलवे वैष्णो देवी के लिए नई
ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस 3 अक्तूबर से शुरू कर रहा है जिससे
नई दिल्ली से कटरा का सफर सिर्प 8 घंटे का रह जाएगा।
No comments:
Post a Comment