Wednesday, 16 October 2019

ड्रोन की नई समस्या का फिलहाल हमारे पास कोई तोड़ नहीं है

पिछले महीने पंजाब में ड्रोन के जरिये करीब 10 हथियार गिराए जाने की घटना के पीछे पाकिस्तान और नॉन-स्टेट एक्टर नहीं बल्कि पाक सेना और आईएसआई जैसे स्टेट एक्टरों का हाथ है। खुफिया विभाग ने इस संबंध में शुरुआती जांच रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। रिपोर्ट में यह सवाल भी खड़ा किया गया है कि सीमा पार से भेजे गए ड्रोन हरकत को भारतीय वायु सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) आखिर क्यों नहीं पकड़ पाई? नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) ने शुरुआती जांच में उस फ्रीक्वेंसी का भी पता लगाया है जिससे इन ड्रोनों को पाक स्थित बेस स्टेशन से संचालित किया जा रहा था। गृह मंत्रालय ने नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) का इन स्टेट एक्टरों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। जांच के मुताबिक यह ड्रोन चीन निर्मित हैं। पाकिस्तानी रेंजर ऐसी चीनी तकनीक का खूब इस्तेमाल करते हैं। गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक पिछले करीब डेढ़ महीने में सीमा पार से ड्रोन भेजे जाने की आठ घटनाओं का पता चला है। इनके जरिये करीब 10 एके-47 और हैंड ग्रेनेड गिराए गए। इसका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में उपद्रव मचाने के लिए होना था। बीएसएफ ने गृह मंत्रालय से अपनी सफाई में कहा है कि उसके पास हवा में किसी हरकत का पता लगाने की कोई तकनीक नहीं है। ड्रोन अकसर रात में भेजे जा रहे हैं। लिहाजा उसे खुली आंखों से भी नहीं देखा जा सकता है। उधर वायुसेना ने भी ड्रोन को राडार के जरिये पकड़ने में अपनी असमर्थता जताई है। मंत्रालय ने सभी सुरक्षा संस्थाओं को इस नई समस्या के समाधान के लिए उपाय सुझाने को कहा है। आतंकी हमले के इनपुट के बाद से पठानकोट रेड अलर्ट पर है। बृहस्पतिवार को पंजाब और हिमाचल पुलिस ने दोनों राज्यों को पंजाब पर स्थित डमटाल की पहाड़ियों के जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया। पंजाब की ओर से पठानकोट सिटी डीएसपी रजिन्दर मन्हास और हिमाचल प्रदेश से नूरपुर डीएसपी डॉ. साहिल अरोड़ा के नेतृत्व में पुलिस और कमांडो टीम ने जंगल के चप्पे-चप्पे का तलाशी अभियान शुरू कर रखा है। ड्रोन की इस नई समस्या का हमें जल्द कोई तोड़ ढूंढना पड़ेगा। पाकिस्तान ने चीन की मदद से यह हथियार-गोला बारूद गिराने का नया तरीका ढूंढा है जिसमें उनका कोई सैनिक भी हताहत नहीं होता। वैसे आजकल तो ड्रोन इतने खतरनाक बन चुके हैं कि वह चुने हुए टारगेट पर सटीक बमबारी करने में भी सक्षम हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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