Tuesday, 15 October 2019

संदीप दीक्षित के लेटर बम में गंभीर आरोप

दिल्ली में 84 दिन पहले हार्ट अटैक की शिकार 81 वर्षीया पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मृत्यु पर दिल्ली कांग्रेस में लेटर बम से भूचाल आया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित द्वारा मृत्यु से पूर्व लिए गए फैसले पीसी चॉको की तरफ से बदले जाने और पार्टी में खींचतान, शीला जी पर की गई टिप्पणी को लेकर पूर्व सांसद और शीला जी के बेटे संदीप दीक्षित ने पीसी चॉको को एक पत्र लिखा। वो पत्र पार्टी में विधानसभा चुनाव से पूर्व सीधी लड़ाई के लिए खुलता दिख रहा है। पूर्व मंत्रियों ने भी चॉको पर प्रभारी रहते हुए पार्टी को लगातार नुकसान पहुंचाने, शीला दीक्षित को प्रताड़ित करने और दिल्ली की राजनीति की जानकारी के बिना सिर्प प्रभारीपन दिखाने का आरोप लगाकर तत्काल इस्तीफा या पार्टी अध्यक्ष की तरफ से हटाए जाने की मांग रखी है। पार्टी के मंगत राम सिंघल (पूर्व मंत्री), रमाकांत गोस्वामी (पूर्व मंत्री) और प्रो. किरण वालिया (पूर्व मंत्री) ने मिलकर प्रेस कांफ्रेंस करके यह आरोप लगाए हैं। हालांकि संदीप दीक्षित द्वारा लिखे पत्र का मजमून सामने नहीं आया है लेकिन कहा जा रहा है कि संदीप ने चॉको पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लिखा गया है कि मां (शीला) की मौत के जिम्मेदार वही (चॉको) हैं। चॉको के मानसिक उत्पीड़न से उनकी मां का निधन हुआ। प्रो. किरण वालिया ने बताया कि 19 जुलाई के दिन शीला जी बेहद परेशान थीं। उस दिन हमने प्रदर्शन किया था। शीला दीक्षित ने सिविक सेंटर का घेराव करने की योजना बनाई थी। लेकिन इस बीच चॉको ने शीला दीक्षित के ब्लॉक अध्यक्ष भंग करने, कार्यकारी अध्यक्षों के काम बांटने के फैसले बदले। सार्वजनिक बयानबाजी कर शीला जी को बीमार बताया। शीला जी ने सोनिया गांधी को खत में लिखा था, उसे सार्वजनिक किया जाएगा। वहीं रमाकांत गोस्वामी ने कहा है कि मीडिया से पता चला कि संदीप दीक्षित ने पत्र लिखकर कहा है कि उनकी मां की मौत के जिम्मेदार पीसी चॉको हैं, दुखद है। कांग्रेस अध्यक्ष पूरे मामले की जांच कराएं और दोषी के खिलाफ कार्यवाही हो। जांच तक चॉको को पद पर रहना ठीक नहीं। शीला दीक्षित को प्रताड़ित करने के पीछे चॉको या जो दूसरे भी रहे, जांच में सामने आ जाएगा। हमें लगा था सब ठीक हो जाएगा, लेकिन नहीं हुआ। वहीं चॉको ने कहा कि मैं आरोपों पर कुछ नहीं कहूंगा। पार्टी के कुछ नेताओं ने सार्वजनिक मंच पर प्रेस कांफ्रेंस करके जिस तरह की बयानबाजी की वो एक तरह से सीधे तौर पर अनुशासनहीनता है। पार्टी अध्यक्ष इस पर फैसला करेंगी। पब्लिक में पार्टी की घरेलू बातें सामने लाने से पार्टी को फायदा होगा या नुकसान, यह उन्हें समझना चाहिए। संदीप के आरोपों वाला पत्र बुधवार को चॉको को अपने दफ्तर में मिला। चॉको ने पत्र को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था। इस पत्र को सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेता एके एंटनी की अध्यक्षता वाली अनुशासन समिति को भेज दिया। अनुशासन समिति में वरिष्ठ नेता मोती लाल वोरा और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी सदस्य हैं। हालांकि जो संकेत मिल रहे हैं कि सोनिया गांधी फिलहाल चॉको के खिलाफ कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं हैं। वहीं चॉको के करीबियों का दावा है कि सोनिया गांधी दिल्ली विधानसभा चुनाव तक चॉको को प्रभारी बनाए रखेंगी।

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